नेशनल डिफ़ेंस अकैडमी(NDA) दुनिया की पहली ऐसी अकैडमी है जहां आर्मी, नेवी तथा एयर फ़ोर्स के सैनिक छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाता है. भारत में सबसे पहले देहरादून स्थित ‘नेशनल डिफ़ेंस अकैडमी’ की शुरुआत हुई थी. इसकी स्थापना 1932 में हुई थी. ब्रिटिश राज में इसे ‘रॉयल मिलेट्री अकैडमी सैंडहर्स्ट’ के नाम से जाना जाता था.
‘नेशनल डिफ़ेंस अकैडमी’ की ज़रूरत दूसरे विश्व युद्ध के बाद महसूस हुई. इसकी स्थापना के लिए वर्ष 1945 में एक समिति गठित की गई थी. इसके बाद अक्टूबर 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने पुणे के खडकवासला में NDA की नींव रखी और 16 जनवरी 1955 को इसका उदघाटन हुआ.
अकैडमी के कैंपस के लिए कई सारे राज्यों ने जगह देने की बात की थी. मगर अंत में खडकवासला को ये सौभाग्य मिला. मुंबई सरकार ने न केवल ज़मीन दी, बल्कि एक झील और पड़ोसी पहाड़ी इलाक़ा भी दिया. इस जगह को इसलिए भी चुना गया, क्योंकि ये अरब सागर और अन्य मिलिट्री अकादमी के नज़दीक है. यहां लोहेगांव के पास एक एयरबेस है. यहां का वातावरण भी काफ़ी साफ़ है.
आइए आपको अकैडमी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं:
1. ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ में सूडान के बचाव में उतरे भारतीय सैनिकों के बलिदानों को पहचानते हुए 1941 में सूडान द्वारा दान किए गए पैसे से एनडीए की इमारत का निर्माण हुआ था. यही कारण है कि NDA की मुख्य इमारत को सूडान ब्लॉक कहा जाता है.
2. अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा, राष्ट्रीय रक्षा अकैडमी के पूर्व छात्र हैं, जिन्हें 1966 में आईएएफ़ (IAF) कैडेट के रूप में शामिल किया था. संस्थान में उनके नाम पर भी एक ब्लॉक है.
3. तीन साल के अध्ययन के बाद कैडेट्स को ‘जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय’ की स्नातक डिग्री (कला स्नातक या विज्ञान स्नातक) से सम्मानित किया जाता है.
4. एनडीए के भीतर स्थित ‘Hut of Remembrance’ को जनवरी 1956 और 1957 के बीच के कैडेट्स द्वारा उन पूर्व छात्रों की याद में बनाया गया है, जिन्होनें देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया.
5. 1950 के दशक में ‘सर्विस बिफ़ोर सेल्फ़’ के अंग्रेजी आदर्श वाक्य को बदलना तय किया गया और इसे संस्कृत संस्करण ‘सेवा परमो धर्म’ नए आदर्श वाक्य के रूप में स्वीकार किया गया.
6. NDA के लोगो का बैकग्राउंड मैरून रंग का है जो शिष्टता और बलिदान को दर्शाता है.
7. समानता का एक सामान्य भाव पैदा करने के लिए, NDA के सभी कैडेट्स को ‘खाकी’ ड्रेस कोड का पालन करना होता है.
8. NDA में सिर्फ भारतीय मूल के ही नहीं, बल्कि अन्य 28 देशों से भी कैडेट आकर ट्रेनिंग लेते हैं.
9. अब तक एनडीए के 3 पूर्व छात्रों को ‘परमवीर चक्र’ और 9 छात्रों को ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया गया है. एनडीए ने अब तक 27 ‘सर्विस चीफ्स ऑफ़ स्टाफ़’ देश को दिए हैं.
10. अकैडमी में कैडेट की Mess एशिया में सबसे बड़ी है. जहां एक बार में 2,100 से अधिक कैडेटों को खाना परोसा जा सकता है. इतना ही नहीं, Mess के कर्मचारी पूरे हॉल को सिर्फ़ 20 मिनट में खाना परोस देते हैं.
11. एनडीए में पहला बैच 1949 में शुरू हुआ था जिसमें देश भर के 190 कैडेट्स को प्रशिक्षित किया गया था.
12. खडकवासला अकादमी के प्रवेश द्वार पर, एक टेबल और एक कुर्सी लगी हुई है. कुर्सी को इस उम्मीद में रखा गया है ताकि वो सैनिकों जो युद्ध के दौरान बंदी बन गए हैं वो एक दिन लौट कर आएंगे.