कल से आपने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के उस फ़ैसले की बड़ी वाह-वाही सुनी होगी, जिसके हिसाब से, ‘उन्होंने UP के प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में रेज़र्वेशन को ख़त्म करने का ऑर्डर दिया.’ आपकी ख़ुशी पर ज़रा-सा लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं, असल में योगी ने ऐसा कोई फ़ैसला नहीं लिया और ये ख़बर पूरी तरह से Fake है.

One India

कल शाम से ही वाह-वाही की इस बाढ़ की शुरुआत की, India Today के उस अति-उत्साही आर्टिकल ने, जिसने बिना जांच किये ये न्यूज़ छाप दी. उनकी देखा-देखी कई Desktop Journalists ने बिना News Source की जांच किये, इसे पब्लिश कर दिया. थोड़ी देर में ये ख़बर फैल गयी कि योगी ने मेडिकल कॉलेजों से आरक्षण हटाने का निर्णायक फ़ैसला दे दिया.

पहले न्यूज़ ब्रेक करने की होड़ में इंडिया टुडे ने ये भी कह डाला कि पहले ये फ़ैसला समाजवादी पार्टी की सरकार का था, जिसे योगी Implement कर रहे हैं.

इस Fake न्यूज़ का भांडा-फोड़ किया New Indian Express में, जब उन्होंने Principal Secretary, Medical Education से इस बारे में बयान लिया. उन्होंने ऐसे किसी भी फ़ैसले को झूठ बता दिया.

The Wire में छपे आर्टिकल में ये बात साफ़-साफ़ लिखी हुई है कि इस बाबत 2006 में पॉलिसी बनाई गयी थी, जिसमें अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है. ये बात Times of India को दिए Quote में Director General Medical Education, डॉ. वी.के. त्रिपाठी ने कही.

Education Flash

10 मार्च के ऑर्डर के हिसाब से, अखिलेश यादव की सरकार ने मेडिकल और डेंटल के PG कोर्सेज़ के लिए NEET (National Eligibility cum Entrance Test) की मेरिट लिस्ट – 2017 के हिसाब से एक नयी एडमिशन पॉलिसी रिलीज़ की थी. इस ऑर्डर के क्लॉज़ 7 के हिसाब से, प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेज में PG कोर्सेज़ के लिए SC/ST/OBC के लिए किसी भी तरह का आरक्षण नहीं होगा.

इस ख़बर से एक बात तो तय है कि प्रत्रकारिता जिन स्तंभों पर खड़ी हुई थी, आज वो जर्जर हो चुके हैं.