वायरल न्यूज़ की इस दुनिया में एक ख़बर काफ़ी ज़ोरो-शोरों से लोगों तक फ़ैलाई जा रही है. सोशल मीडिया पर वायरल इस ख़बर के मुताबिक, आयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के बीच वोटिंग चल रही है. साथ ही कोर्ट ने ये फ़ैसला अब जनता पर छोड़ दिया है, ये आप पर निर्भर करता है कि आपका वोट किसके हक में जाता है.

भावनाओं में बहकर शायद अब तक कई लोग ये ख़बर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच शेयर भी कर चुके होंगे, वो भी बिना ये सोचे-समझे कि ये एक फ़ेक न्यूज़ है. सच्चाई तो ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर या बाबरी मस्जिद के बीच वोटिंग जैसा कोई भी फ़ैसला नहीं लिया है और इस मामले पर कोर्ट की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होनी है. साथ ही मामले की सुनवाई कर रहे वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और अन्य याचिकाकर्ताओं ने इसके कम से कम 7 न्यायाधीशों की एक बड़ी बेंच की भी मांग की है.

ज़रा नीचे दिए गए इस लिंक को ध्यान से देखिए. Saffron नामक इस फ़ेसबुक आईडी से पेज पर चार लाइनों का पोस्ट लिख कर लोगों से राम मंदिर के हक में वोट करने का आग्रह किया गया है. इतना ही नहीं, मुद्दे पर पोस्ट को Sad Emoji के साथ कैप्शन देते हुए लिखा गया है कि *शर्म करो 100 करोड़ हिन्दू हो.

ख़ैर अगर आप ख़बरों में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपको पता ही होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह का कोई भी निर्देश नहीं दिया है और असल में ये ख़बर फ़र्ज़ी है. हिंदुत्व के नाम पर इन लोगों का काम सिर्फ़ और सिर्फ़ लोगों को बेवकूफ़ बना कर समाज में नफ़रत फ़ैलाना है.

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