पद्म विभूषण से सम्मानित मशहूर भारतीय चित्रकार, मूर्तिकार, लेखक और वास्तुकार सतीश गुजराल का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है. बहुमुखी प्रतिभा के धनी सतीश दुनियाभर में अपनी पेंटिंग्स के लिए जाने जाते थे.  

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कौन थे सतीश गुजराल?

सतीश का जन्म 25 दिसंबर, 1925 में ब्रिटिश इंडिया के झेलम (अब पाकिस्तान) में हुआ था. सतीश गुजराल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के छोटे भाई थे. इनका विवाह किरण गुजराल के साथ हुआ. सतीश का बेटा भी प्रसिद्ध वास्तुकार हैं. जबकि बड़ी बेटी अल्पना ज्वैलरी डिज़ाइनर व छोटी बेटी रसील इंटीरियर डिज़ाइनर हैं. 

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8 साल की उम्र में पैर फिसलने से उनके दोनों पैर टूट गए थे जबकि सिर में चोट लगने उन्हें कम सुनाई पड़ने लगा. जिसके चलते कई स्कूलों ने उन्हें ए़डमिशन देने से इंकार कर दिया था. सतीश चाहकर भी आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए. ख़ाली समय बिताने के लिए वो चित्र बनाने लगे. इनकी भावना प्रधान चित्र देखते ही बनती थी.  

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इसके बाद वर्ष 1939 में उन्होंने पाकिस्तान के लाहौर स्थित ‘मेयो स्कूल ऑफ़ आर्ट’ में पांच सालों तक ग्राफ़िक डिज़ायनिंग समेत कई अन्य विषयों में शिक्षा हासिल की. सन 1944 में मुंबई आकर उन्होंने ‘जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट’ में एडमिशन ले लिया. बीमारी के कारण सन 1947 में उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी. जीवन के कई कठिन संघर्षों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार अपनी चत्रकारी से भारत समेत दुनियाभर में नाम कमाते रहे.  

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कौन-कौन से पुरस्कार किए थे हासिल?

भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सन 1999 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित भी किया था. सतीश 2 बार चित्रकला के लिए जबकि 1 बार मूर्तिकला के लिए सतीश कला के क्षेत्र में 3 बार ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ हासिल कर चुके थे. इसके अलावा भी सतीश गुजराल ने कई पुरस्कार जीते थे. इनमें मेक्सिको का ‘लियो नार्डो द विंसी’ और बेल्जियम के किंग का ‘आर्डर आफ़ क्राउन’ पुरस्कार शामिल हैं. 

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सतीश गुजराल ने आमतौर पशु-पक्षियों के साथ ही भारतीय इतिहास, लोककथा, पुराण, प्राचीन भारतीय संस्कृति और विविध धर्मों के प्रसंगों को अपने चित्रों में उकेरा है.