केक ऐसी चीज़ है जो अमूमन हर किसी को पसंद होता है. आजकल इसका इस्तेमाल तो हर छोटी बड़ी ख़ुशी को सेलिब्रेट करने में किया जाने लगा है. फिर चाहे बात आधी रात को आपके जन्मदिन पर केक कटवाने की हो या फिर किसी उपलब्धी पर केक खिलाने की. जब भी कोई आपको ये केक वाला स्वीट सरप्राइज़ देता है, तो आप फूले नहीं समाते, लेकिन क्या कभी आपने ऐसा किसी पब्लिक सर्वेंट के लिये किया है, जो दिन-रात आपकी सेवा में जुटे रहते हैं.

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नहीं न, तो आपको केरल के रहने वाले किसान कन्नप्पन से सीखना चाहिये. वो एक पुलिस थाने में पुलिसकर्मी द्वारा किये गए कार्य की सरहाना करने और उनका धन्यवाद देने के लिए केक लेकर पहुंच गये.दरअसल, कुछ दिनों पहले रजकक्ड़ पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने कन्नप्पन को ड्रंक एंड ड्राइव के लिये फ़ाइन किया था.

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कन्नप्पन के लिये पिछले 23 वर्षों में ये पहला मौका था, जब उन्हें दारू पीने के लिये सजा दी गई हो. ये फ़ाइन उनके द्वारा एक महीने शराब पर उड़ाए गए रुपयों से काफ़ी कम था. लेकिन इस वाकये ने इनकी पूरी ज़िंदगी ही बदल डाली, इसके बाद कन्नप्पन ने शराब पीना छोड़ दिया. साथ ही उन्हें ये एहसास हुआ कि शराब पीकर गाड़ी चलाना दूसरों के साथ-साथ ख़ुद की ज़िन्दगी के लिए भी ख़तरनाक है.

उनमें आए इस बदलाव का श्रेय सब-इंस्पेक्टर जॉय अब्राहम और उनकी टीम को जाता है. अगर वो इन्हें दंडित न करते, तो शायद वो कभी इस बुरी लत से छुटकारा नहीं पाते. इसलिए कन्नप्पन ने इनको धन्यवाद स्वरूप केक खिलाया. उनके इस नेक सोच से पूरा थाना सरप्राइज़ हो गया. 

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ये इस बात का सटीक उदाहरण है कि कभी-कभी सज़ा देने से भी लोगों की बुरी आदतें सुधर सकती हैं. इसलिये आगे से अगर कोई सरकारी अधिकारी आपका चालान काटे, तो उससे बहस करने के बजाय ये समझने की कोशिश करें कि ऐसा क्यों हुआ और इससे हमें क्या सीख मिलती है?

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