फ़र्ज़ कीजिए कि आप एक बिज़नेस की शुरूआत करना चाहते हैं. आपने उस काम में अपनी पूंजी लगाई, पैसे कम पड़े तो बैंक से लोन लिया, इतनी मेहनत की कि दिन को दिन और रात को रात नहीं समझा, तमाम ज़रूरी कामों को अपने इस व्यवसाय के लिए टाल दिया. अंत में जब आप सोच रहें कि आपको इससे मुनाफ़ा मिलने वाला है, तब उल्टा आपको अपने सामान बेचने के लिए और पैसे देने पड़ते हैं. यानी मुनाफ़ा तो हुआ नहीं, आखरी में भी जेब से पैसे जाते रहे. आपका तो पता नहीं कि ऐसा बिज़नेस आप कितने साल तक चला पाएंगे लेकिन भारतीय किसान कई सालों से ये बिज़नेस चला रहे हैं.

bhaskar hindi

सबूत के तौर पर नीचे एक तस्वीर लगाई है, जिसे Reddit से उठाया गया है. पहले तस्वीर को देख कर समझ लीजिए, फिर आगे की बात करते हैं.

b’Snap From Redditxc2xa0′

ऊपर आपने जो पर्ची देखी वो एक मंडी की है, जहां एक किसान द्वारा प्याज़ बेचा गया. उसे 2405 किलो प्याज़ बेचने पर 2087 रुपये मिले लेकिन उस प्याज़ को गांव से लेकर आने, उसको तौलने, मज़दूरी आदी का कुल ख़र्चा 2430.15 रुपये पड़ा.

इसका मतलब विक्रम कोल्हे नाम का किसान इस उम्मीद से मंडी आया था कि वो प्याज़ बेच कर मिले पैसे घर ले जाकर अपनी अन्य ज़रूरतें पूरी करेगा लेकिन उसे प्याज़ बेचने का मुनाफ़ा हुआ माइनस 343 रुपये. यानी घर से साथ लाए 343 रुपये भी प्याज़ बेचने के लिए गंवाने पड़े.

चूंकी ये पर्ची मराठी में है इसलिए एक यूज़र ने इसका अंग्रेज़ी अनुवाद भी किया है ताकी इसे बेहतर तरीके से समझा जा सके.

b’Snap From Redditxc2xa0′

विक्रम कोल्हे उस प्याज़ को वापस ले भी नहीं जा सकते क्योंकि उसके लिेए भी अतिरिक्त ख़र्च करना पड़ेगा. इससे बेहतर तो ये होता कि वो प्याज़ को खेत में ही छोड़ देते. कम से कम अगली फ़सल के लिए खाद का काम तो करता. अगर इतने के बाद भी खेती से उम्मीद समाप्त नहीं हुई तो.

Reddit पर इस तस्वीर को देखने के बाद ज़्यादातर लोगों ने देश के किसानों की इस हालात पर चिंता ज़ाहिर की.

b’Snap From Redditxc2xa0′
b’Snap From Redditxc2xa0′
b’Snap From Redditxc2xa0′
b’Snap From Redditxc2xa0′
b’Snap From Redditxc2xa0′

लगभग सबने ये बात ज़रूर कही कि सरकार को किसान के लिए कुछ करना चाहिए. कमाल की बात ये है कि देश के सब नेता भी यही कहते हैं कि सरकार को किसानों की भलाई के लिए ज़रूरी कदम उठाने चाहिए. ख़ुद सत्ता में बैठी पार्टी भी यही कहती है कि वो किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है. समस्या ये है कि न तो आम नागरिक और न ही सरकार इन किसानों की समस्याओं को ढंग से समझ पाए हैं. जो आपके लिए अनाज उगा रहा है, अगर उसकी इज़्ज़त ये देश नहीं करेगा, तो विकास की सबसे प्रमुख आधारशीला डगमगाने में ज़्यादा देर नहीं लगेगी.