दिल्ली और हरियाणा के सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन दिन पर दिन नया रुख़ लेता जा रहा है. सरकार किसानों की सुन रही है और किसान अपनी मांग पर अड़े हैं. ऐसे में किसानों को कंपकंपाती ठंड में अपनी मांगों के लिए बैठना पड़ रहा है. इसके चलते कुछ दिन पहले ख़बर आई थी कुछ डॉक्टर्स अपनी इच्छानुसार किसानों का इलाज कर रहे हैं क्योंकि किसान ठंड से बीमार हो रहे थे. तो वहीं खासला एड के सदस्य उन्हें खाने की चीज़ें मुहैय्या करा रहे थे. अब इस कड़ी में भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान मंगी बग्गा का नाम भी जुड़ गया है वो किसानों के कपड़े धोकर उनकी मदद कर रहे हैं. इतना ही नहीं कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी लंगर बांटने में मदद कर रहे हैं. मंगी बग्गा की कप्तानी में 2010 में भारत ने पाकिस्तान को हरा कर 2010 का वर्ल्ड कप जीता था.
ये कबड्डी खिलाड़ी वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रहे हैं, जिन्हें ये लोग अपने घर से लेकर आए हैं कपड़ों को धोने का काम ये खिलाड़ी बहुत ही सूझ-बूझ से कर रहे हैं ताकि किसानों के कपड़े बदल न जाए. वो इन कपड़ों के एक तैले में रखकर नम्बर लिख देते हैं, फिर धोने के बाद उसी थैले में रखते हैं. NDTV में छपी ख़बर के मुताबिक, भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान मंगी बग्गा कहते हैं,
सरहद पर जाने वाला जवान, खिलाड़ी या फिर किसान सभी गांव से आते हैं, हम इनकी मदद अपनी मिट्टी के लिए कर रहे हैं. यहां हम सिर्फ़ एक सेवादार हैं कोई स्टार खिलाड़ी नहीं.
इन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने न केवल सेवा करने का ज़िम्मा उठाया है, बल्कि सभी टूर्नामेंट से अपने नाम वापस ले लिए हैं. इनका कहना है,
जब तक ये किसान धरने पर बैठे रहेंगे तब तक हम इनकी सेवा में लगे रहेंगे. हमने भारत देश को कई मेडल जिताकर देश का नाम पूरे विश्व में रौशन किया है. इसलिए अगर धरने पर बैठे किसानों को खालिस्तानी या उग्रवादी कहा जाता है तो ये बहुत दुखद बात है.
भारत के अलावा विदेशी क्लब के लिए कबड्डी खले चुके अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मनजिंदर सिंह ने अपने शानदार प्रदर्शन से दुश्मनों को मैदान में कई बार पटखनी दी है. वो पिछले 14 दिनों से किसानों की सेवा में लंगर बांट रहे हैं. ये सभी दिनभर सेवा करके यहीं ज़मीन पर सो जाते हैं. मनजिंदर सिंह के लिए कबड्डी खेल चुके हैं.
इनकी गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ कबड्डी खिलाड़ियों में होती है. उनका कहना है कि, यहां वो एक किसान के बेटे के रूप में मदद कर रहे हैं.