पिछले हफ़्ते से इंटरनेट पर बेंगलुरु की 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि का नाम हेडलाइंस में छाया हुआ है. दिल्ली पुलिस ने दिशा को किसान आंदोलन से जुड़े ‘टूलकिट’ मामले में गिरफ़्तार किया था.  

अगर आप को अभी भी ये ‘टूलकिट’ का मसला नहीं समझा आया है तो मैं आप को बताती हूं कि ‘टूलकिट’ एक सोशल मीडिया की दुनिया का शब्द है. इस टूलकिट को आप एक ज़रूरी दस्तावेज़ समझिए जिस में चल रही परेशानी या आंदोलन को लेकर बारीक़ से बारीक़ जानकारी दी हुई होती है. जैसे ये आंदोलन क्यों हो रहा है? कौन कर रहा है? इस आंदोलन को ख़त्म करने का उपाय जैसी तमाम चीज़ों के पॉइंटर्स होते हैं.  

आपको ध्यान होगा बीते दिनों स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया था. उस ट्वीट में भी ग्रेटा ने ये ‘टूलकिट’ शेयर किया था. अब दिशा पर ये आरोप है कि उसने उस ‘टूलकिट’ के साथ छेड़-छाड़ की ताकि वो खालिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा कर सकें. इंटरनेट पर लोग दिशा के लिए इंसाफ़ मांग रहे हैं.   

आइए, अब आपको बताते हैं भारत के कुछ युवा कार्यकर्ताओं(Youth Activists) के नाम जो बेहतर कल के लिए लड़ रहे हैं.  

1. दिशा रवि 

21 साल की दिशा बेंगलुरु की रहने वाली है. 2018 में क्लाइमेट एक्टिविस्ट, Greta Thunberg को मौसम में आ रहे हानिकारक परिवर्तन को लेकर आवाज़ उठाते देख, उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिल  Fridays For Future India संस्थान की स्थापना की है. भारत के क्लाइमेट संकट विरोध की एक सक्रिय भागीदारी हैं.  

2. सफ़ुरा ज़रगर 

जामिया मिलिया इस्‍लामिया विश्‍विद्यालय की छात्रा सफ़ूरा ज़रगर को पिछले साल दिल्‍ली हिंसा की साजिश रचने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था. सफ़ूरा कश्मीर की रहने वाली हैं. वह मानवाधिकार मुद्दों पर अपनी बात कहती हैं. 2019 में उन्होंने CAA और NRC के मुद्दों पर अपनी बात कही थी.  

सफ़ूरा ज़रगर को अत्‍यधिक कठोर कानून UAPA के प्रावधानों के तहत गिरफ़्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने सफ़ूरा को फ़रवरी में ‘संशोधित नागरिकता कानून’ के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने को लेकर 10 अप्रैल को गिरफ़्तार किया था. पुलिस के मुताबिक़, इन भाषणों से दिल्ली में हिंसा भड़की थी. जब उन्हें गिरफ़्तार किया गया था तब वे प्रेग्नेंट थी. ऐसी नाज़ुक हालत में तक़रीबन 2 महीने जेल में बिताने के बाद सफ़ूरा को मानवीय आधार पर ज़मानत दे दी गई. 

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3. प्रियंका पॉल 

21 साल की प्रियंका सोशल मीडिया पर काफ़ी मुद्दों को लेकर बातें करती हैं जिन से अमूमन लोग भागते हैं. जैसे- बॉडी पॉजिटिविटी, LGBTQIA+ समुदाय, मेन्टल हेल्थ.  

पिछले साल नवंबर में एक्ट्रेस, कंगना रनोट और उनके बीच कहा-सुनी हो गई थी. जहां कंगना ने उन्हें उनके शरीर और चेहरे को लेकर बेहद ही ग़लत टिप्पणी की थी.  

4. नादेप कौर 

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पंजाब की 23 वर्षीय कार्यकर्ता, नादेप कौर किसान आंदोलन के विरोध प्रदर्शन में शामिल थी. जिसके बाद जनवरी में उनकी गिरफ़्तारी हो गई. हरियाणा पुलिस ने कौर को हत्या, फिरौती, चोरी, दंगा, अवैध असेंबली, फिरौती और आपराधिक खतरों के आरोप में गिरफ्तार किया था.  

कौर के माता-पिता पंजाब में किसान यूनियनों के सदस्य हैं और उनकी बहन दिल्ली विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता हैं – उन्होंने श्रमिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए “श्रमिक अधिकार संगठन” में काम किया है.  

सभी आरोपों को खारिज करते हुए, नादेप कौर की बहन राजवीर कौर ने पुलिस पर अपनी बहन पर हिंसा और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. नादेप कौर अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं.  

5. अर्चना सोरेंग 

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ओड़िशा के एक छोटे से गांव की खड़िया जनजाति से ताल्लुक रखने वाली 25 साल की अर्चना सोरेंग आज दुनियाभर में जलवायु संकट के बारे में लोगों को जागरूक कर रही हैं. उन्होंने ‘पटना महिला कॉलेज’ से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया है. वह वर्तमान में ओडिशा के वसुंधरा में TISS वन अधिकार और शासन परियोजना में अनुसंधान अधिकारी ( Research Officer) हैं. 

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पिछले साल, उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने अपने नए सलाहकार समूह में शामिल करने के लिए नामित किया है. इस समूह में अर्चना सहित 7 युवा नेता शामिल हैं जो बिगड़ते जलवायु हालातों पर अपनी राय और उनसे निपटने के तरीकों पर बात करेंगे.  

ये सभी युवा एक्टिविस्ट दुनिया को बेहतर बनाने की तरफ अपना योगदान दे रहे हैं.