‘यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है’.
मशहूर शायर मंज़ूर हाशमी के इसी शेर के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश किया. 49 साल बाद किसी महिला ने देश का बजट पेश किया है. इससे पहले साल 1970 में इंदिरा गांधी ने बजट पेश किया था. वे उस वक्त प्रधानमंत्री थीं और वित्त मंत्रालय भी उन्हीं के पास था.
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलीं.
इस बार बजट की जो सबसे ख़ास बात रही वो ये कि इसे बजट नहीं बल्कि ‘बही खाता’ के तौर पर पेश किया गया.
अपनी बजट स्पीच में निर्मला सीतारमण ने कहा, “इस बार देश की जनता ने हमें पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में बैठाया है. इसलिए हमारा लक्ष्य रिफ़ॉर्म, परफ़ॉर्म और ट्रांसफ़ॉर्म का है. हम मेक इन इंडिया के ज़रिए स्वदेशी की तरफ बढ़ रहे हैं. इसके अलावा हमारी सरकार देश को आधुनिक भी बना रही है. हमारी सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य जल रास्ते को बढ़ावा देना है. साथ ही ‘वन नेशन, वन ग्रिड’ के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं, जिसका ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है.”
ये रही नए बजट की मुख़्य बातें-
1- जनधन खाताधारक महिलाओं को 5000 रुपये ओवरड्राफ़्ट की सुविधा.
भारत का पहला बजट 18 फ़रवरी 1860 को जेम्स विल्सन ने पेश किया था. इंदिरा गांधी बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं. उन्होंने 28 फ़रवरी 1970 को बजट पेश किया था. मोरारजी देसाई ने सबसे ज़्यादा 10 बार आम बजट पेश किया, इनमें से 8 पूर्ण और 2 अंतरिम बजट थे.