भारत की राजनैतिक कुर्सी पर बड़े- बड़े धुरंधरों का राज है. इन सत्ताधारियों ने देश की दिशा और दशा को बदला है. इन में से कई राजनेताओं को विरासत में सत्ता की कुर्सी मिली तो वहीं कुछ ने बाद में इन गलियारों में क़दम रखा. आज इस आर्टिकल में हम आपको उन सफल नेताओं के बारे में बताएंगे जिनकी पहली पसंद राजनीति नहीं थी. आइये जानते हैं वो कौन थे और क्या कर रहे थे.
1. मायावती
उत्तर प्रदेश की सबसे प्रमुख पॉलिटिकल पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का चेहरा मायावती राजनीति की बड़ी शख़्सियतों में से एक है. उन्होंने अपनी बी.एड डिग्री हासिल की और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की तैयारी के दौरान शिक्षक के रूप में अपनी पहली नौकरी की थी.
2. सोनिया गांधी
कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष, सोनिया गांधी ने इटली से पढ़ाई की है और एक वेट्रेस थीं.
3. प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी की पहली नौकरी अपर-डिवीज़न-क्लर्क के रूप में Deputy Accountant General के दफ़्तर में थी. बाद में वह यूपीए सरकार में वित्त मंत्री बने थे.
4. मनमोहन सिंह
देश के पूर्व प्रधानमंत्री, मनमोहन सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर थे.
5. नरेंद्र मोदी
देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री, नरेंद्र दामोदरदास मोदी की पहली नौकरी एक चाय वाला के तौर पर थी. बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए और गुजरात के मुख्यमंत्री बने.
6. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
देश की पूर्व और पहली महिला राष्ट्रपति, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने वकील के रूप में अपनी पहली नौकरी शुरू की थी. उन्होंने जलगांव जिला अदालत में वकालत की थी.
7. निर्मला सीतारमण
भारत की तत्कालीन वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने लंदन के रीजेंट स्ट्रीट में होम डेकोर स्टोर हैबिटेट में एक विक्रेता के रूप में काम किया था.
8. अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्व कर अधिकारी थे. साल 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान अरविन्द केजरीवाल काफ़ी चर्चा में आए थे.