सोहनलाल द्विवेदी की एक मशहूर कविता है कि ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.’ Ambur Iyyappa को देखने के बाद ये कविता सच भी होती हुई दिखाई देती है.
2009 तक Ambur Iyyappa एक आम इंसान थे, जो बंगलुरु में फर्स्ट फ्लाइट कुरियर्स में काम करते थे. जॉब के दौरान Ambur 3 महीने का ब्रेक ले अपने स्किल को निखारने के लिए निकल पड़े, पर लौट कर जब वो दोबारा जॉब पर गए, तो उन्हें पता चला कि उनकी नौकरी जा चुकी थी.

इसे संयोग ही कहिये कि Flipkart, फ़र्स्ट फ़्लाइट का कूरियर पार्टनर था. Ambur फ़र्स्ट फ़्लाइट में काम करने के दौरान पहले ही लॉजिस्टिक से जुड़े काम सीख चुके थे. उसी समय Flipkart को एक ऐसे आदमी की तलाश थी, जो उनके इन-हाउस लॉजिस्टिक को संभाल सके.
Meet Ambur Iyyappa, the first @Flipkart employee – the man who saw tomorrow https://t.co/pMpGBEJj3J pic.twitter.com/6NYqg7ajbE
— Flipkart Stories (@FlipkartStories) January 11, 2016
Ambur के लिए ये किस्मत के बदलने जैसा था. Ambur, Flipkart के फाउंडर सचिन और बिन्नी बंसल से मिले, जिन्होंने Ambur को बताया कि उन्हें ऐसे आदमी की तलाश है, जिसे थोड़ी बहुत इंग्लिश बोलने के साथ ही कंप्यूटर चलाना आना चाहिए. इस तरह से Ambur 8000 रुपये महीने की पगार के साथ Flipkart के साथ जुड़ गए.

Ambur इस बात को जानते थे कि ये कंपनी अभी शुरू हुई है और वो इसके पहले कर्मचारी हैं. इसलिए उन्हें काम पर रखने के साथ ही Flipkart ने उन्हें कंपनी के कुछ शेयर भी दिए. जैसे-जैसे Flipkart का काम बढ़ता गया वैसे-वैसे Ambur की किस्मत भी बदलने लगी.
अपने काम और मेहनत की वजह से Ambur आज इस कंपनी में एसोसिएट डायरेक्टर हैं, जो हर महीने 6 लाख रुपये कमाते हैं.