पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का रविवार सुबह दिल्ली में 82 साल की उम्र में निधन हो गया. जसवंत सिंह साल 2014 में गिरने के बाद से ही बीमार चल रहे थे. उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था. इसी साल जून में दोबारा उन्हें सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में एडमिट कराया गया था, जहां आज उनका निधन हो गया.
जसवंत सिंह का जन्म साल 1938 में राजस्थान में हुआ था. उन्होंने अजमेर के मेयो कॉलेज से अपनी पढ़ाई की और 1950 से 60 के दशक में वो सेना में अधिकारी रहे, लेकिन बाद में उन्होंने राजनीति में करियर बनाने के लिए इस्तीफ़ा दे दिया. 1980 में पहली बार वो राज्य सभा के लिए चुने गए. विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री के रूप में कार्य करने वाले जसवंत सिंह देश में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसदों में से एक थे.
जसवंत सिंह के निधन के बाद अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘गहरे दुख के साथ सूचित किया जाता है कि माननीय सेवानिवृत्त मेजर एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का 27 सितंबर, 2020 को सुबह करीब 6:55 बजे निधन हो गया. वो 25 जून 2020 से अस्पताल में भर्ती थे. उनके विभिन्न अंगों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया था, जिनका इलाज चल रहा था. आज सुबह उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा.’
अस्पताल ने बताया कि उन्हें बचाने की काफ़ी कोशिशें की गई लेकिन सब नाकाम रहीं. सूत्रों की मानें तो उनका अंतिम संस्कार आज ही राजस्थान के जोधपुर में किया जाएगा.
पीएम मोदी ने जताया शोक
जसवंत सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, ‘जसवंत सिंह जी ने पूरी लगन के साथ देश की सेवा की. पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान. अटल जी की सरकार के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और विदेश मामलों के विभाग में एक मज़बूत छाप छोड़ी. उनके निधन से दुखी हूं.
Jaswant Singh Ji served our nation diligently, first as a soldier and later during his long association with politics. During Atal Ji’s Government, he handled crucial portfolios and left a strong mark in the worlds of finance, defence and external affairs. Saddened by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
उन्होंने आगे लिखा, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री राजनीति और समाज के मामलों पर अपने अद्वितीय दृष्टिकोण के लिए याद किए जाएंगे. उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने में भी योगदान दिया. मैं हमेशा हमारी बातचीत को याद रखूंगा. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. ओम शांति.’