देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, असम के प्रख्यात गायक भूपेन हज़ारिका और सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख को दिया जाएगा. प्रणब मुखर्जी के अलावा बाकी दोनों हस्तियों को ये सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है. 

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार को इन तीनों हस्तियों को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करेंगे.  

1- प्रणब मुखर्जी (पूर्व राष्ट्रपति) 

83 वर्षीय प्रणब मुखर्जी करीब पांच दशकों से भारतीय राजनीति में सक्रीय हैं. वो कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. मुखर्जी साल 2012-2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे. मनमोहन सिंह सरकार में वो साल 2009-2012 तक देश के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. इससे पहले वो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार के समय में भी विभिन्न पदों पर आसीन रहे. 

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2- भूपेन हज़ारिका (गायक)  

भूपेन हज़ारिका असम के लोगों के बीच भूपेन दा के नाम से लोकप्रिय थे. भूपेन दा असम के प्रख्यात गीतकार, संगीतकार और गायक थे. इसके अलावा वो असमी भाषा के कवि, फ़िल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति के दूत भी माने जाते थे. भूपेन हज़ारिका की असरदार आवाज से सजे गीत ‘दिल हूम हूम करे’ और ‘ओ गंगा तू बहती है क्यों’ आज भी लाखों दिलों पर राज करते हैं.  

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3- नानाजी देशमुख (सामाजिक कार्यकर्ता) 

चित्रकूट को नई दिशा देने वाले राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख को भी आज मरणोपरांत ‘भारत रत्‍‌न’ से नवाजा जाएगा. भले ही वो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन इस सम्मान से उनके साथ काम करने वालों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है. नाना जी ने अपने प्रयासों से ही चित्रकूट के करीब पांच सौ गांवों का उद्धार कर देश-दुनिया के सामने विकास का मॉडल पेश किया था. नानाजी ने वर्ष 1972 में दीन दयाल शोध संस्थान (डीआरआइ) की स्थापना मध्यप्रदेश के सतना ज़िले के चित्रकूट क्षेत्र में की थी.  

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, असम के प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका और सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख को देश का सबसे बड़ा सम्मान ‘भारत रत्न’ पाने के लिए शुभकामनायें.