Heavily Guarded Place on the Planet: माना जाता है कि दुनिया में सबसे सुरक्षित इमारत वो होती है, जहां देश के राष्ट्रप्रमुख रहते हैं. मसलन, अमेरिका में जैसे व्हाइट हाउस है. मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में ही एक ऐसी जगह है, जिसकी सुरक्षा राष्ट्रपति भवन से भी ज़्यादा है. इसका नाम है ‘फ़ोर्ट नॉक्स’, जहां अमेरिका अपना गोल्ड रिज़र्व रखता है (America Gold Reserve). कहते हैं इसकी सुरक्षा में सेंध लगा पाना किसी के लिए भी मुमक़िन नहीं है. (Fort Knox Security)
ऐसे में आइए इस जगह और इसकी सिक्योरिटी के बारे में आपको बताते हैं.
तिजोरी में रखा है अमेरिका का गोल्ड रिज़र्व
World of Statistics के मुताबिक, दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका गोल्ड रिज़र्व के मामले में टॉप पर है. 8,133 मीट्रिक टन सोने के साथ उसके पास दुनिया में सबसे ज़्यादा सोना है. इस सोने को केंटकी के फ़ोर्ट नॉक्स में रखा गया है. फ़ोर्ट नॉक्स कोई बिल्डिंग नहीं, बल्क़ि एक मिलिट्री बेस है. इसका असल नाम ‘यूनाइटेड स्टेट्स बुलियन डिपॉज़िटरी’ (United States Bullion Depository) है. स्टील फ़ेसिंग और तगड़ी सुरक्षा के चलते इसे फ़ोर्ट नॉक्स कहा जाने लगा.
Fort Knox Security America Gold Reserve
ये काफ़ी बड़ा जगह है, जिसके परिसर में आर्मी वाले और उनकी फ़ैमिली रहती है. यहीं एक इमारत के भीतर वो तिजोरी है, जिसमें सोना रखा हुआ है. इसकी सुरक्षा पर अमेरिका को कितना भरोसा है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका चुनाव में अक्सर लीडर कहते हुए पाए गए हैं कि इलेक्शन प्रोसेस फ़ोर्ट नॉक्स की तरह मज़बूत होना चाहिए.
बता दें, सोना यहां बार के फॉर्म में रखा हुआ है, जिसे बुलियन भी कहते हैं. ये 99.5% शुद्ध सोना है. हरेक बार का वज़न लगभग साढ़े 12 किलो है. यहां अमेरिका ने अपना आधा गोल्ड रिज़र्व रखा हुआ है. साथ में संविधान की ओरिजनल कॉपी और आज़ादी की घोषणा की भी कॉपी भी रखी है.
कैसी है फ़ोर्ट नॉक्स की सुरक्षा?
इस जगह को 1930 के आसपास बनाया गया. उस वक़्त भी इसके निर्माण में क़रीब 6 लाख डॉलर से ज़्यादा का खर्च आया था. ये बिल्डिंग लगभग 16 हज़ार क्यूबिक फ़ीट ग्रेनाइट और साढ़े 4 हज़ार यार्ड्स कंक्रीट से बनी हुई है. इसे बनाने में हज़ारों टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है. माना ये भी जाता है कि इन पर न्यूक्लियर विस्फ़ोट का भी असर नहीं होगा.
इसका दरवाज़ा भी बेहद भारी-भरकम है. इसका वज़न 22 टन बताया जाता है और ये ब्लास्ट प्रूफ़ मैटीरियल से बना है. इसे खोलने या बंद करने के लिए आर्मी के कई ट्रेंड जवानों की ज़रूरत पड़ती है. इस पूरी जगह की सुरक्षा के लिए 40 हज़ार जवान हमेशा तैनात रहते हैं.
यहां मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी फ़ीचर्स लगे हैं. मसलन, सेंसर, कैमरा और अलार्म इन्सटॉल्ड हैं. साथ ही मोशन डिटेक्टर लगे हुए हैं, जो किसी भी गतिविधि को तुरंत पकड़ सकते हैं. यहां तक कहा जाता है कि ज़मीन के अंदर विस्फ़ोटक पदार्थ हैं. अगर कोई घुसने की कोशिश करेगा तो उसके बॉडी तापमान से ये एक्टिवेट हो जाएंगे और धमाका हो जाएगा.
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