एक फ़ेसबुक यूज़र का कहना है कि सोशल नेटवर्किंग साइट, फ़ेसबुक ने उनके अकाउंट को 30 दिनों के लिए ब्लॉक कर दिया है. यूज़र का कहना है कि ‘कमल का फूल हमारी भूल’ पोस्ट करने के बाद उनके पोस्ट को डीलिट कर दिया गया और उनके अकाउंट को भी हटा दिया गया.

पेशे से एक फ़्रीलांसर, अनस ने फ़ेसबुक पर सिर्फ़ इतना लिखा-

‘कमल का फूल हमारी भूल. व्यापारी अपने कैश मेमो पर प्रिंट करवा कर जनता से बता रहे हैं कि भाजपा को वोट देकर ग़लती हो गई.’

इस स्टेटस के साथ अनस ने कैश मेमो की तस्वीर भी डाली थी.

HT

HT से हुई बातचीत में अनस ने बताया,

‘पोस्ट डालने के कुछ ही घंटों बाद मुझे फ़ेसबुक ने नोटिफ़िकेशन भेजा कि मेरी पोस्ट फ़ेसबुक के कम्युनिटी स्टेन्डर्ड्स के खिलाफ़ है. इसके बाद एक और नोटिफ़िकेशन आया कि मेरा अकाउंट 30 दिनों के लिए ब्लॉक कर दिया गया है.’

कैश मेमो की वो तस्वीर जिसके कारण अनस का अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया, गुजरात के सूरत की है और कुछ समय से फ़ेसबुक पर वायरल हो रही थी.

Facebook

अनस ने कहा,

‘मैंने ख़ुद से कुछ नहीं कहा. मैंने तो बस के फ़ोटो शेयर की थी और जो उसमें लिखा था, वही लिखा था. इसमें ग़लत क्या था?’

अनस ने बताया कि इससे पहले भी 3 बार फ़ेसबुक ने उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया.

HT

अनस ने फ़ेसबुक के इस रवैये पर प्रश्न उठाते हुए कहा,

‘मैंने गंदी भाषा का प्रयोग नहीं किया, न ही किसी को बुरा-भला कहा. पर सरकार की आलोचना करने वाले ऐसे अन्य पोस्ट भी हटाये जा रहे हैं. ये Facebook Fascism (फ़ासीवाद) है.’

सवाल उठाना तो लाज़मी है. कई लोग हैं जो भद्दी भाषा का सहर्ष प्रयोग करते हैं. Hate स्पीच का प्रयोग करते हैं, उन्हें भी फ़ेसबुक की तरफ़ से नोटिफ़िकेशन भेजा जाना चाहिए. अगर बात तस्वीरों की हो रही है तो बलात्कार, हत्या की लाइव तस्वीरें भी डाली जाती हैं. क्या तब फ़ेसबुक के मापडंडों का उल्लंघन नहीं होता?