जब भी दो देशों के बीच जंग होती है, तब उन देशों के नागरिकों को तो तकलीफ़ें झेलनी ही पड़ती हैं. साथ ही, अन्य देशों के लोग जो वहां पढ़ने, नौकरी करने या फिर घूमने-फिरने आते हैं, उन पर भी जान का ख़तरा मंडराने लगता है. भारत जैसे देश के लिए तो ये परेशानी काफ़ी ज़्यादा होती है. क्योंकि, हमारे देश से बड़ी संख्या में लोग बाहर मुल्क़ों में रहते हैं.

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ऐसे हालात में तमाम मुल्क़ अपने नागरिकों को निकालने के लिए बड़े ऑपरेशन (Evacuation Operations) चलाते हैं. भारत ने भी भारतीय छात्रों और नागरिकों को उनकी मातृभूमि में वापस लाने के लिए युद्धग्रस्त और अशांत क्षेत्रों में दुनिया भर में कई जटिल और प्रमुख निकासी अभियान चलाए हैं. 

तो आइए, भारत सरकार चलाए गए कुछ प्रमुख निकासी मिशनों (Evacuation Missions)  पर एक नज़र डालते हैं. 

1. कुवैत एयरलिफ़्ट 1990

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1990 को खाड़ी युद्ध शुरू हुआ, तो वहां फंसे पौने दो लाख भारतीयों को सुरक्षित निकालना एक बड़ी चुनौती थी. क़रीब एक लाख ईरानी सैनिक कुवैत में घुस चुके थे. भारतीय नागरिक समझ नहीं पा रहे थे कि वो कैसे अपनी जान बचाकर भारत वापस लौटें. उस वक़्त भारत सरकार ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया था. इस पूरे ऑपरेशन में क़रीब 1 लाख 70 हजार भारतीयों को देश वापस लाया गया था. 

2. ऑपरेशन सुकून 2006

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साल 2006 में इज़राइल–लेबनान युद्ध हुआ था. इसमें कई भारतीय नागरिकों समेत श्रीलंकाई और नेपाली नागरिक फंस गए थे. तब भारत सरकार ने ऑपरेशन सुकून, या ‘बेरूत सीलिफ्ट’ शुरू किया था. भारतीय सशस्त्र बलों की मदद से क़रीब 2,000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया था. 

3. ऑपरेशन सेफ़ होमकमिंग 2011

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साल 2011 में लीबिया में गृह युद्ध छिड़ गया था. कर्नल गद्दाफी और विद्रोही ताक़तों के नेतृत्व वाली सेना आपस में भिड़ गई थी. उस वक़्त 15,000 से ज़्यादा भारतीय नागरिक वहां फंस गए थे. तब भारतीय सरकार ने ऑपरेशन सेफ़ होमकमिंग चलाया. सरकार अपने नागरिकों को हवाई और समुद्री मार्ग के ज़रिए भारत वापस लेकर आई थी.

4. ऑपरेशन राहत 2015

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भारतीय सशस्त्र बल ने 2015 में ऑपरेशन राहत चलाया था, जब यमनी सरकार और हौथी विद्रोही संघर्ष में उलझ गए थे. संघर्ष के दौरान यमन में 5 हज़ार से ज़्यादा भारतीय फंस गए थे. इन्हें भी विशेष उड़ानों और समुद्री मार्ग से भारत वापस लाया गया. साथ ही, इस मिशन के ज़रिए 26 देशों के 900 से ज़्यादा विदेशी नागरिकों को भी वापस लाया गया था.

5. वंदे भारत मिशन 2020

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जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया को प्रभावित किया, तो लाखों भारतीय छात्र और नागरिक विदेशों में फंस गए थे. विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था. ऐसे मुश्किल हालातों में भारत सरकार ने स्वदेश वापसी उड़ानों की व्यवस्था की थी. ये मिशन शांति काल में किसी भी देश द्वारा किए गए सबसे बड़े नागरिकों रेस्क्यू ऑपरेशन में से एक माना जाता है. इसके तहत क़रीब 50 लाख भारतीयों को वापस लाया गया था.

6. ऑपरेशन गंगा 2022

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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में 20 हज़ार से ज़्यादा भारतीय छात्र फंस गए हैं. इन्हें बचाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाया है. ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक क़रीब 2000 भारतीय छात्रों को भारत वापस लाया गया है. बाकी छात्रों को भी वापस लाने के प्रयास चल रहे हैं.