नेता यानि की जनसेवक. ऐसा कहा जाता है, इसलिए मान लीजिए. दिन-रात जनता की सेवा करने का दावा करने वाले लोग हैं. लेकिन सेवा तो ठीक पर मेवा का क्या? मने ‘भूखे पेट भजन नहीं होय गोपाला’ वाली बात है. यूं तो स्कैम वगैहर से नेता लोगों के नाम जुड़ते हैं, पर यहां बात वेतन की है. वो पैसा जो उनको संवैधानिक पदों पर रहते हुए मिलता है. वो भी हर महीने.   

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देश के राष्ट्रपति हों या फिर प्रधानमंत्री, सांसद हो या राज्यपाल या फिर किसी राज्य का मुख्यमंत्री, सभी को हर महीने वेतन मिलता है. अब चूंकि ये सब इतने जबर भौकाल में रहते हैं तो हमारा ध्यान इनकी तन्ख़्वाह पर जाता ही नहीं. लेकिन मिलती तो है. तो हमने भी सोचा क्यों न आपको 6 भारतीय राजनेताओं को हर महीने मिलने वाली सैलरी के बारे में बताया जाए. हालांकि, कोरोना महामारी के चलते फ़िलहाल इन लोगों की सैलरी में 30 फ़ीसदी की कटौती की जा चुकी है.  

ये है इन 6 भारतीय राजनेताओं की महीनेभर की सैलरी  

संसद के सदस्य- 1 लाख रुपये  

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राज्यसभा और लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के साथ-साथ नियुक्त भी होते हैं. संसद के प्रत्येक सदस्य को सरकार द्वारा 1 लाख रुपये का मासिक वेतन दिया जाता है.  

प्रधानमंत्री- 2 लाख रुपये  

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भारत के संविधान का अनुच्छेद 75 संसद को ये अधिकार देता है कि वो प्रधानमंत्री का पारिश्रमिक तय करे. पीएम को 2 लाख रुपये के मासिक वेतन के साथ कई अन्य लाभ मिलते हैं, जिसमें राजधानी दिल्ली में एक आवास, IAF पायलटों के साथ बोइंग 777-300ERs विमान, विशेष सुरक्षा और बहुत कुछ शामिल हैं.  

राज्यों के राज्यपाल- 3.5 लाख रुपये  

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राज्यों में नियुक्त राज्यपाल संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करते हैं. जबकि उनका वेतन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है, फिर भी संसद द्वारा राज्यपालों के लिए आवंटित वेतन 3.5 लाख रुपये प्रति माह है.  

मुख्यमंत्री- 4.10 लाख रुपये  

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राज्यों के राज्यपाल की तरह मुख्यमंत्रियों का वेतन भी हर राज्य में अलग-अलग होता है. मसलन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव 4.10 लाख रुपये मासिक वेतन के साथ भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले मुख्यमंत्री हैं. वहीं, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे हर महीने 3.4 लाख रुपये लेते हैं.  

उपराष्ट्रपति- 4 लाख रुपये  

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उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन अध्यक्ष होता है. जबकि वो राष्ट्रपति के लिए डिप्टी के रूप में भी काम करता है, साथ ही वे राष्ट्रपति के प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी भी हैं. राष्ट्रपति की मृत्यु, त्यागपत्र या महाभियोग की स्थिति में वो भारत के राष्ट्रपति के पद पर क़ाबिज़ होते हैं. इस वक़्त एम. वेंकैया नायडू देश के उपराष्ट्रपति हैं और उन्हें उनकी सेवाओं के लिए हर महीने 4 लाख रुपये वेतन मिलता है.  

राष्ट्रपति- 5 लाख रुपये  

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भारतीय राजनेताओं में सबसे ज़्यादा वेतन राष्ट्रपति को मिलता है. उन्हें 5 लाख रुपये हर महीने बेसिक सैलरी के साथ अन्य क्षतिपूर्ति और लाभ भी मिलते हैं. एक निवास (राष्ट्रपति भवन) के साथ, उन्हें बोइंग 777-300ERs विमानों के साथ IAF पायलट, विशेष सुरक्षा, यात्रा के लिए कारें और भी बहुत सी सुविधाएं मिलती हैं.