मथुरा को लोग भगवान कृष्ण की जन्मभूमि के तौर पर पहचानते हैं, जहां तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ विदेशी सैलानी भी आते हैं. मथुरा की इसी पावन धरती पर एक विदेशी, देशी गायों की देखभाल करने में जुटी हुई है. जर्मनी की रहने वाली 59 वर्षीय Friederike Irina को लोग यहां सुदेवी माता जी के नाम से पहचानते हैं. सुदेवी यहां ‘सुरभई गौसेवा निकेतन’ नाम से गौशला चलाती हैं.

deccanchronicle

इस गौशाला में करीब 1200 से भी ज़्यादा गाय हैं, जिनमें से कई बीमार और घायल अवस्था में यहां लाई गई थीं. Irina 1978 में पहली बार इंडिया घूमने आई थीं, जिसके बाद वो यहीं की होकर रह गईं.

आज बहुत ही कम ऐसे लोग होंगे, जो गाय की निस्वार्थ भाव से सेवा करते होंगे. मौजूदा हालातों को देख कर ऐसा लगता है कि गाय का इस्तेमाल करके ज़्यादातर लोग अपने लिए राजनैतिक ज़मीन तैयार कर रहे हैं. ऐसे में गाय के प्रति सुदेवी माता जी का ये प्रेम लोगों के बीच एक अच्छा संदेश देता है.