बीते मंगलवार को ग़ाज़ियाबाद के इंद्रापुरम स्थित GD Goenka स्कूल में 9 साल के अरमान सहगल की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी.

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इस बात से बेखबर अरमान के छोटे भाई अहान जो अभी केवल ढाई साल का है, की आंखें अपने बड़े भाई को ढूंढ रही हैं. अरमान और अहान एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त, Best Buddy, Best Pal थे. इस मासून के पास अपने पेरेंट्स और घर में आने वाले रिश्तेदारों के लिए कई सवाल हैं. हालांकि, अभी अहान ने बोलना शुरू नहीं किया है, लेकिन वो अपनी भाषा में अपने भाई के बारे में दा… दा…. करके पूछ रहा है.

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अरमान का अंतिम संस्कार उसके पेरेंट्स ने हरिद्वार में किया, लेकिन अहान को तो कुछ समझ नहीं है कि उसके बड़े भाई के साथ क्या हुआ है, या क्या हो रहा है? बस वो अपने दा-दा को इधर-उधर ढूंढ रहा है.

वो बेचैन है और बार-बार बैट और बॉल उठाकर लगातार अरमान को ढूंढ रहा है. वो एक साथ खेलते थे. अरमान की मां कहती हैं, ‘अहान के पास अरमान की मौत के बाद घर में आने वाले हर व्यक्ति के लिए एक ही सवाल है. हमको अहान को इस तरह से अकेला देखकर बहुत ही दर्द हो रहा है. हमारी आंखों से बहने वाले आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. हमारे पास उसके सवालों का कोई जवाब नहीं है.’

अहान हर जगह अरमान को ढूंढ रहा है, वो कभी बॉलकनी में जा रहा है, तो कभी उस जगह जाकर बैठ जाता है जहां वो दोनों खेलते थे. वो बार-बार उन जगहों पर अरमान को खोज रहा है, जहां-जहां वो जा सकता है. वो दोनों अच्छे दोस्त थे और अरमान अपने छोटे भाई अहान की बहुत केयर करता था. मैं तो ये सोच कर ही कांप जाती हूं कि मैं कैसे अहान को समझाऊंगी कि उसके बड़े भाई के साथ क्या हुआ और अब वो कभी वापस नहीं आएगा? इसके साथ ही वो कहती हैं कि ‘मुझे नहीं लगता है कि मैं कभी उसे समझा पाउंगी क्योंकि अभी वो बहुत छोटा है और वो लगातार केवल अरमान को ही ढूंढ रहा है.’

गौरतलब है कि 1 अगस्त को सहगल परिवार के पास एक कॉल आया, जिसके बाद उनके पैरो तले ज़मीन खिसक गई और उनको इस दर्दनाक घटना के बारे में पता चला. अरमान को शान्ति गोपाल हॉस्पिटल, जहां पर उसको गिरने के बाद इलाज के लिए लाया गया था में “मृतक” घोषित कर दिया गया. इसके बाद अरमान के पेरेंट्स ने स्कूल के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.

अरमान की मां स्वाति कहती हैं, ‘हमारे दोनों बेटे ही हमारी दुनिया थे. अरमान के जाने से हमारा परिवार पूरी तरह से बिखर गया है. वो एक स्मार्ट और बुद्धिमान बच्चा था और उसको स्पीड पसंद थी. वो एक फाइटर पायलट या कार रेसर बनाना चाहता था. हम हमेशा उसके लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रेरित करते थे. आज हमारी फ़ैमिली बिखर चुकी है. मुझे अभी भी इस बात पर यकीन नहीं है कि मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.’

वो बताती हैं कि अरमान रोज़ सुबह पूजा भी करता था. बीती 29 जुलाई को उसके कहने पर हम लोग उसको मंदिर भी लेकर गए थे, जहां उसने प्रार्थना भी की थी.

अरमान के पिता, गुलशन सहगल ने कहा, ‘बदकिस्मती हमारे बेटे को हमसे दूर ले गई. इसके साथ ही वो कहते हैं कि 31 जुलाई को वो अपने पूरे परिवार के साथ देर से घर आये थे और आते ही सो गए थे. स्कूल बस रोज़ स्टॉप पर सुबह 7:15 पर आती है, लेकिन 1 अगस्त को अरमान लेट हो गया था क्योंकि 31 जुलाई को हम लोग कहीं गए थे और देर से आये थे. इसलिए सुबह उठने में लेट हो गए थे और उसकी बस छूट गई थी. पर उसकी मां के ज़ोर देने पर वो स्कूल के लिए तैयार हुआ और मैं उसे स्कूल छोड़ कर आया था. उसकी मां ने उसको इसलिए ज़बरदस्ती स्कूल भेजा था, ताकि वो आने वाले यूनिट टेस्ट की तैयारी अच्छे से कर सके. और केवल आधे घंटे बाद ही हमारे पास स्कूल से फ़ोन आ गया.’

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, अरमान के सिर में अंदरूनी चोट आयी थी जिसके चलते इलाज मिलने से पहले ही उसकी मौत हो गई.

Feature Image Source: hidustantimes