उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा जाता है कि वो भी सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव रहते हैं और वो राज्य में महिला सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की कमी नहीं रखना चाहते हैं. ये बात तब साबित हो गई, जब दबंगों से परेशान एक महिला को जब कानपुर पुलिस से कोई मदद नहीं मिली, तो उसने सीएम योगी से ट्विटर पर मदद मांगी. तब तुरंत ही सीएम ने कार्रवाई के आदेश देते देर नहीं लगाई और उसके बाद कानपुर पुलिस तुरंत हरकत में आ गई.

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ये मामला कानपुर के कल्यानपुर इलाके का है. पुलिस ने बताया कि ये घटना होली के दिन की है, जब कुछ स्थानीय युवक नशे में धुत होकर कल्याणपुर इलाके के एक घर में घुसे और एक महिला और उसकी बेटियों के साथ छेड़छाड़ करने लगे. महिला के पति ने विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट करने लगे.

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जब महिला का पति कल्याणपुर थाने पहुंचा और मदद मांगी, तो पुलिस ने शिकायत तो दर्ज कर ली, लेकिन उन दबंगों के खिलाफ़ किसी तरह हा कोई एक्शन नहीं लिया. शिकायतकर्ता ने बताया कि पुलिस ने मामले में बहुत ही ढीला रवैया दिखाया और कोई जांच भी नहीं की.

इसलिए उसने पुलिस के रवैये को देखते हुए उन्होंने डीजीपी और सीएम कार्यालय को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई.

जिसके बाद सीएम योगी ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दे दिए. इसके बाद पुलिस हरकत में आई. गौरतलब है कि इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.

एसपी सचिंद्र पटेल ने बताया कि लखनऊ से डीजीपी ने कॉल कर मामले में तुरंत रिपोर्ट सौंपने को कहा. उन्होंने ये भी बताया कि वह खुद परिवार से मिले और मेडिकल जांच की व्यवस्था भी करवाई. साथ ही उन्होंने कहा कि पहले तो आरोपियों के खिलाफ़ मारपीट और गाली-गलौज का मामला दर्ज किया गया था, पर अब कुछ अन्य धाराओं में भी केस दर्ज हुए हैं. आरोपियों की धर-पकड़ के लिए तीन पुलिस टीमें बनाई गई हैं और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की गई है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड का भी गठन किया गया है, ताकि महिलाओं की रक्षा और सुरक्षा दोनों ही की जा सकें.

देश के कुछ नेता ऐसे हैं, जो सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव हैं. इनमें सबसे पहला नाम आता है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का है, जो ट्विटर पर ही लोगों की मदद कर देती हैं. बीते दिनों कई खबरें ऐसी आयीं थीं कि इलाज के दौरान अस्पताल में भर्ती सुषमा स्वराज ने ट्विटर के जरिया कई लोगों की मदद की. हमारे रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी इस मामले में पीछे नहीं हैं, उनके मंत्रालय ने भी यात्रा के दौरान ट्रेन के अन्दर ही लोगों को मदद पहुंचाई है.