‘अकेले बाहर मत जाया करो’… ‘पहाड़गंज और नई दिल्ली स्टेशन वाला एरिया ठीक नहीं है’, ‘South Ex सबसे अच्छी जगह है दिल्ली की’, ‘दिल्ली सेफ़ नहीं है’…
कोई नया-नया दिल्ली आए, तो ऐसी कई बातें उसे सुनने को मिलती हैं.
रोज़मर्रा की घटनायें भी तो ऐसी ही होती हैं इस शहर में. लड़की रात 9 बजे तक घर न पहुंचे, तो दूर बैठे मां-पापा को एक ही डर सताता है. कहीं उसके साथ…
अगर हम किसी परेशानी में हों तो सबसे पहले हम 100 डायल करते हैं. इस उम्मीद में कि पुलिस यथासंभव मदद के लिए पहुंचेगी. कई बार पहुंचती भी है और कई बार नहीं भी पहुंचती. जैसा की सुमैया के साथ हो.
सुमैया ने अपनी आपबीती ट्विटर पर साझा की. यथासंभव जस का तस पेश करने की कोशिश कर रहे हैं-
@DelhiPolice shame on you that i had to beat him up myself! I kept begging your people for help. Kindly Take the required action on the person behind the call. @LtGovDelhi @ArvindKejriwal @delhipolice pic.twitter.com/2fGbcPXP5v
— sumaiya (@sumaiya1704) May 10, 2018
‘SHAME ON YOU DELHI POLICE
कल तकरीबन शाम 6:30 बजे मैं नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़ी थी और पहाड़गंज जाने के लिए रिक्शा ढूंढ रही थी. एक रिक्शावाला नशे में धुत्त मेरी तरफ़ दौड़कर आया और मुझे ज़बरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगा. मैंने मना कर दिया और चलने लगी, वो दौड़कर आया और मेरा हाथ पकड़कर कहा, ****** अब तो तू मेरे ही साथ चलेगी.
मैं उसकी ओर मुड़ी और पानी की बोतल उसके मुंह पर मारी (मैं कांप रही थी पर मुझ में शक्ति आ गई). मैंने उसे एक थप्पड़ लगाया और दिल्ली मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के नज़दीकी Police Post तक ले गई. वहां एक भी पुलिसवाला नहीं था और मेरा फ़ोन भी डिस्चार्ज हो गया था. भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने मुझे वहां पर लिखे हुए हेल्पलाइन नंबर्स पर फ़ोन करने में सहायता की. मैंने फ़ोन लगाया और फ़ोन के दूसरी तरफ़ बैठे व्यक्ति ने कहा ‘मैडम बस 5 मिनट में पुलिस भेजता हूं’. 15 मिनट बाद मैंने फिर से कॉल किया उसने फिर से कहा ‘मैडम बस 5 मिनट में पुलिस भेजता हूं’. मैंने आधे घंटे तक इंतज़ार किया. वो रिक्शावाला वहीं बैठा था, उसने बेशर्मी से कहा ‘मैडम माफ़ करो और चली जाओ, कोई नहीं आने वाला’. वहां मौजूद लोग पूरी घटना रिकॉर्ड कर रहे थे और रिक्शेवाले को भागने से रोके हुए थे. लगभग 45 मिनट तक इंतज़ार करने के बाद मेरे सब्र ने जवाब दे दिया. मैं पुलिस पोस्ट के अंदर गई और वहां पड़े डंडे को उठाया और उस रिक्शेवाला को बहुत मारा. तब तक मारा जब तक उसके हाथ और पैर से खून न निकल आया. मैं रुकना नहीं चाहती थी पर मेरे अंदर का इंसान इससे ज़्यादा किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता था. मैंने डंडा फेंक दिया और वहां से चली गई. और तब तक भी पुलिस नहीं पहुंची थी.
ये कारण है कि दिल्ली में अकेले चलने में लड़कियां सुरक्षित महसूस नहीं करती. भीड़ में मौजूद एक अंकल ने मुझ से कहा- बेटी आप अकेली क्यों निकलती हो, हमेशा किसी के साथ निकला करो.
अकेली निकलती हूं और निकलूंगी जब जब ज़रूरत पड़ेगी, क्यों ऐसे बेशर्मों को सबक सिखाना मुझे आता है.
आखिर पुलिस कब अपनी मौजूदगी दर्ज करवाना शुरू करेगी? जब तक कुछ बड़ी घटनी न घटे, उन्हें अपनी ड्यूटी याद क्यों नहीं आती.
ये बड़ी घटना थी. मैं बहुत डरी हुई थी, पर मुझे ये सुनिश्चित करना था कि वो ऐसा दोबारा न करे और मुझे यक़ीन है कि वो दोबारा ऐसा कुछ करने की हिम्मत नहीं करेगा.
SHAME ON YOU DELHI POLICE, आप आराम कीजिये हम संभाल लेंगे.’
ट्वीट करने के 5 घंटे बाद दिल्ली पुलिस ने सुमैया के ट्वीट पर Reply किया:
आपने जिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया और कॉल करने का समय और स्थान हमें बतायें.
Kindly share the Helpline No. on which you called with exact date and time for necessary action at our end.
— Delhi Police (@DelhiPolice) May 11, 2018
ट्विटर पर कई लोगों ने सुमैया की बहादुरी की तारीफ़ की-
Kudos to u Sumaiya… Done a great job.. Indeed I believe that our safety lies in our hands only… As so called saviours are always busy
— Harit Bagga (@BaggaHarit) May 11, 2018
Hattsoff to your courage @sumaiya1704 The person who disrespect women deserves this👍
— syeda zaara (@zaara_syeda) May 11, 2018
This is so bad. So so shameful that she had to go thru the mental torture. Girl you did the right thing. Atleast u stood up and took action.
— muddle headed (@jilted_writer) May 11, 2018
Shabash beta!!
— choppy (@choppybaba) May 11, 2018
More Power To You Girl.
Chek De Patte !!— Rehan Khan (@rehangkhan) May 11, 2018
सुमैया के ट्वीट के अनुसार, जब ये घटना घटी तब दिन का वक़्त था और रात का घुप्प अंधेरा नहीं. दिन-दहाड़े किसी रिक्शेवाले का उसके साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश करना और पुलिस का न होना दिल्ली की सुरक्षा पर कई सवाल उठाता है. दिन हो या रात, हम सुरक्षित नहीं हैं और हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली पुलिस भी शायद नहीं है.
नोट: आर्टिकल के पब्लिश होने तक एक नई बात पता चली है. सुमैया ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ड्यूटी ऑफ़िसर पर उचित कार्रवाई की गई है.
