रेप, मानव तस्करी जैसे अपराधों की शिकार किसी लड़की को एक सरकारी शेल्टर होम में रखा गया, ताकि वो अपनी ज़िन्दगी फिर से शुरू कर सकें. लेकिन इन लड़कियों के साथ इस रिहैब में जो हुआ, उसके बाद उनका किसी पर भरोसा न करना जायज़ है.
वेस्ट दिल्ली के जिस शेल्टर होम में इन सभी लड़किओं को रखा गया था, वहां इनके साथ वो सब कुछ हुआ, जिससे बच कर ये आयी थीं. इन लड़कियों को Oxytocin के इंजेक्शन दिए जा रहे थे, इनका शोषण किया जा रहा था और मना करने पर इन्हें मारा-पीटा जा रहा था. ऐसा करने वाले वो सभी अधिकारी थे, जिन्हें उनकी ज़िन्दगी बेहतर बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी.
इन लड़कियों को Oxytocin, जिसे आम भाषा में ग्रोथ हॉर्मोन के इंजेक्शन दिए जा रहे थे, ताकि कम उम्र में भी उनका शरीर बड़ी लड़कियों जैसा हो जाए. इन्हें न जाने कैसे-कैसे ड्रग दिए जा रहे थे और Retaliate करने पर इन्हें बेरहमी से मारा-पीटा जा रहा था. ये इंजेक्शन मानव तस्कर इस्तेमाल करते हैं, ताकि कम उम्र की लड़कियों को बड़ी उम्र का बता कर वेश्यालयों में बेच दिया जाए.
इस घटना का खुलासा तब हुआ, जब इन्हें में से एक लड़की ने Delhi Legal Services Authority को लेटर लिखा. इस लेते में बाक़ी की लड़कियों ने भी अपनी आपबीती लिखते हुए कहा कि इस शेल्टर होम में उनके साथ हर तरह का ग़लत काम हो रहा है.
दिल्ली महिला कमीशन की स्वाति मालीवाल ने जब यहां पूछताछ की, तो उन्हें यहां चल रहे कुकृत्य के बारे में और जानकारी मिली. 16 अप्रैल को पुलिस ने इन सभी लोगों के खिलाफ़ केस दर्ज किया. इन सभी के खिलाफ़ Juvenile Justice Act के तहत, क्रिमिनल Conspiracy और Poisoning का केस दर्ज किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स में आयी इस रिपोर्ट के हिसाब से, इन लड़कियों को यहां बहुत बुरी परिस्थितियों में रखा जा रहा था. इन्हें ढंग से खाना न मिलने के कारण ये सभी कुपोषण का शिकार हैं. इन्हें रोज़ वही गंदे कप पहनने को दिए जाते थे.