कहते हैं कि कर भला तो हो भला, लेकिन एक शख़्स के साथ ये नहीं हुआ तो उसने कुछ ऐसा कर डाला कि सब हैरान रह गए. कुछ दिनों पहले एक न्यूज़ आयी थी कि एक कर्मचारी ने अपनी जान की परवाह किये बिना अपने मालिक के 70 लाख रुपये लूटने से बचाये थे, जिसके लिए उसके मालिक ने उसको इनाम स्वरुप एक टी-शर्ट दी थी. इस छोटे से गिफ़्ट मिलने की वजह से ख़फ़ा होकर कुछ दिनों बाद वो कर्मचारी और उसका दोस्त मालिक के 70 लाख रुपये लेकर फ़रार हो गए. ये घटना 27 अगस्त की दिल्ली के मॉडल टाउन की है.

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ये घटना दिल्ली पुलिस के लिए बहुत अहम थी और मीडिया में बहुचर्चित. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की रोहिणी -सेक्टर 18 स्थित SOS – 2 (स्पेशल ऑपरेशन स्क्वाड) की टीम ने इस कांड के दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है. कई दिनों तक मीडिया की सुर्खियां बनी ये घटना दिल्ली पुलिस की एक बड़ी कामयाबी है. बता दें कि इस कर्मचारी की पहचान धान सिंह बिष्ट के रूप में और उसके दोस्त की याकूब के रूप में हुई है.

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पुलिस के अनुसार, 70 लाख की इस चोरी में दोनों आरोपियों के पास से 54 लाख 10 हज़ार रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं. इसमे 50 लाख 10 हजार धान सिंह से और चार लाख याक़ूब के पास से मिले हैं. वहीं बाकी के पैसे धान सिंह ने घर के समान व संपत्ति की खरीद में खर्च कर दिए. पुलिस ने बताया कि धान सिंह ने चोरी के रुपयों से दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 12 लाख का एक प्लॉट भी खरीदा है.

मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के गांव व थाना भिकयासन के रहने वाले 38 वर्षीय धान सिंह को बुराड़ी इलाके से गिरफ़्तार किया गया है, जहां वो एक किराए के मकान में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था. पुलिस के अनुसार वारदात को अंजाम देने के बाद धान सिंह अपने गांव भाग गया था, पर वहां उसको पैसों की सुरक्षा की चिंता थी, इसलिए वो 10 सितम्बर को वापस दिल्ली आ गया था.

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बीती 21 सितम्बर को पुलिस ने 37 वर्षीय आरोपी याक़ूब हसन उर्फ़ छोटू को दिल्ली के गांव कादीपुर से हिरासत में लिया था. याकूब का नाम दिल्ली के प्रमुख कबाड़ियों में शुमार है. यव कबाड़ी की आड़ में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था.

एडिशनल कमिश्नर राजीव रंजन ने National Daily को बताया, ‘जब हमने याकूब से पूछताछ की तो पहले तो उसने हमें गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसने बताया कि बिष्ट ने उसको प्लान को पूरा करने में मदद करने के लिए 4 लाख रुपये दिए थे. पुलिस को उसके अकाउंट से 3 लाख रुपये मिले हैं.’

सूत्रों के मुताबिक, बिष्ट अपनी बेटी की शादी कराना चाहता था, लेकिन उसको चोट लगने के बाद वो बिस्तर पर था. एक दिन शराब पीते हुए बिष्ट ने याकूब के सामने चोरी की अपनी प्लानिंग के बारे में बात की. लेकिन उसने बोला कि अगली बार जब उसका मालिक उसको पैसे बैंक में जमा कराने के लिए देगा तो वो उनको लेकर भाग जाएगा. इसके अलावा याकूब ने बताया कि उसने बिष्ट को नैनीताल छोड़ा था और वो खुद दिल्ली वापस आ गया था.

क्यों धान सिंह बिष्ट के मन में आया चोरी का ख्याल

दरअसल, आज़ादपुर इलाके में ‘पालकेम प्राइवेट लिमिटेड’ में काम करने वाले धान सिंह का काम मार्किट से कंपनी का कलेक्शन लाने का था. वो जब भी कलेक्शन के लिये जाता, बहुत ज़्यादा पैसे का कलेक्शन करके लाता था. कंपनी का मालिक भी उसपर बेहद भरोसा करता था. बिष्ट बहुत ईमानदार था. अकसर जब याकूब और बिष्ट साथ बैठकर शराब पीते थे, तो याक़ूब उसे समझाता कि जब रकम ज़्यादा हो, तो फ़रार हो जाना और कहीं दूर अपना धंधा कर लेना. कहां नौकरी के चक्कर मे पड़े हो. नौकरी से पेट भरने के अलावा तुम्हें कुछ नहीं मिलने वाला. याकूब की इस बात को बिष्ट हमेशा हंसी में उड़ाकर अनसुना कर देता था. और जवाब देता कि मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है.

पर एक दिन जब बिष्ट कंपनी का 70 लाख रुपया मार्किट से कलेक्ट कर वापस लौट रहा था, तो रास्ते मे मॉडल टाउन इलाके में लुटेरों ने उसे रोककर उसके साथ लूटपाट की कोशिश की. प्रतिरोध करने पर लुटेरों ने उसपर जानलेवा हमला किया, जिसमें वो ज़ख़्मी हो गया. बावजूद इसके वो रुपयों को सुरक्षित लेकर लुटेरों के चंगुल से भाग निकला.

धान सिंह बिष्ट का मानना था कि इसके एवज में कंपनी का मालिक खुश होकर उसकी ईमानदारी के बदले बड़ा इनाम देंगें. लेकिन कंपनी मालिक ने उसे सिर्फ़ एक टी-शर्ट दी. ये देखकर बिष्ट बहुत दुखी हुआ और कंपनी मालिक से बदला लेने के बारे में सोचने लगा. उसको अपनी बेटियों की शादी की चिंता भी थी. अब उसने ठान लिया कि वो कलेक्शन का मोटी रकम एकत्र होने पर उसे लेकर भाग जाएगा. उसने अपनी इस योजना के बारे में याक़ूब को भी बता दिया था.

घटना इसी 27 अगस्त की है. बिष्ट कंपनी का 70 लाख रुपया कलेक्ट कर याक़ूब की दुकान पर पहुंचा और उससे रकम लेकर फ़रार कराने में सहयोग की मांग की. याक़ूब फ़ौरन राज़ी हो गया. फिर याक़ूब ने उसे अपनी मारुति कार में नैनीताल छोड़ दिया. इसके एवज में बिष्ट ने उसे चार लाख रुपये दिए थे.