गोवा में एक आईआईटी संस्थान बनाने के लिए जुलाई में राज्य सरकार ने एक जगह आवंटित की थी. गुलेली गांव से लगने वाली इस ज़मीन पर आईआईटी बनाने के प्रस्ताव का तभी से ही गांव वाले विरोध कर रहे थे. उस ज़मीन के कुछ हिस्से से गांव वालों की धार्मिक आस्था जुड़ी थी. गोवा कैबिनेट की बुधवार को इस संदर्भ में हुई मीटिंग में राज्य सरकार ने उस जगह पर मंदिर बनाने की इजाज़त दे दी है.
दरअसल, गुलेली गांव में जिस जगह पर आईआईटी बनाने का प्रस्ताव आया है, उस ज़मीन पर गांव वाले पूजा-पाठ करते हैं. इसलिए वो इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे. गांव वालों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी.
इस मीटिंग में फ़ैसला लिया गया कि आईआईटी की ज़मीन के लिए आंवटित किए गए 10 लाख वर्ग मीटर की ज़मीन में से 45,000 वर्ग मीटर पर गांव वालों के लिए मंदिर बनाया जाएगा. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा– ’हमने धार्मिक गतिविधियों के लिए 45,000 वर्ग मीटर की ज़मीन को चिन्हित कर लिया है. इस जगह को योजना से अलग कर प्लान बनाया जाएगा. ये सब गांव वालों धार्मिक आस्था को देखते हुए किया गया है.’
वहीं गोवा के स्वास्थ्य मंत्री और सांसद विश्वजीत राणे ने कहा- ‘ये विवाद मंदिर के लिए छोड़ी गई ज़मीन को आईआईटी के लिए आवंटित करने के लिए हुआ. अब मंदिर के लिए जगह छोड़ दी गई है. हमें उम्मीद है कि अब ये विवाद सुलझ जाएगा. अब इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.’
ग़ौरतलब है कि पिछले 7 साल से गोवा में आईआईटी बनाने के लिए ज़मीन देखी जा रही थी. दो गांव में ज़मीन देखने के बाद गुलेली तीसरा गांव था जहां प्रस्तावित आईआईटी के लिए ज़मीन का आवंटन किया गया था. अब केंद्र सरकार की तरफ से प्रोजेक्ट की मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
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