भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान के ऊपर करोड़ों ख़र्च कर रही है. ख़ास कर पर्यटक स्थलों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसी कड़ी में गोवा के तटों की भी सफ़ाई चल रही है. इस सफ़ाई अभियान से जो सच्चाई सामने आई, वो देश के वेस्ट मैनेजमेंट की पोल खोलती है.
गोवा, जिसके ख़ूबसूरत और साफ़-सुथरे तटों की तस्वीर से इंटनेट भरा हुआ है. वहां पिछले 16 महीनों में 20 लाख किलो कूड़ा इकट्ठा किया गया. Drishti Marine नाम की एक एजेंसी को सफ़ाई का काम सौंपा गया था. 17 दिसंबर, 2016 से 15 अप्रेल, 2018 तक इस एजेंसी ने कुल 19,90,250 किलो कचरा जमा किया है. इस कचडरे की मुख्य वजह भारी मात्रा में पर्यटकों का गोवा जाना है.
सिर्फ़ आखरी साढ़े तीन महीनों में राज्य के तटीये इलाकों से 7,89,968 किलो कचरा जमा किया गया.
राज्य के State Town & Country Planning मंत्री, विजय सरदेसाई ने कहा कि गोवा की वास्तविक जनसंख्या से छ गुना ज्यादा पर्यटक यहां आ कर रहते हैं. ये पर्यटक उच्च-कोटी के नहीं होते. इन पर्यटकों के लिए विजय सरदेसाई ने ‘Scum of the Earth’ वाक्य का इस्तेमाल किया था.
उन्होंने ने कहा कि उत्तर भारत से भारी मात्रा में पर्टक आते हैं, जिसकी वजह से राज्य में कूड़ा एक गंभीर समस्या बन गई है, हम गोवा को अगला गुरुग्राम नहीं बनने देंगे.
गोवा सरकार ने बीच किनारे बने Shack के मालिकों को सफ़ाई को लेकर दिशानिर्देश दिये हैं और इनका पालन करने के भी आदेश दिये हैं.