बीते दिनों चंडीगढ़ के रहने वाले हर्षित शर्मा की नौकरी ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. ख़बर थी कि इस 12वीं पास लड़के को Google से चार लाख रुपये मासिक की नौकरी मिली है. हालांकि कुछ दिन बाद Google ने इस ख़बर को झूठी बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया था, लेकिन इसका असर हर्षित के मानसिक स्वास्थ्य पर काफ़ी बुरा पड़ा. ये बात शुरू हुई थी एक झूठी फ़ोन कॉल से, बाद में ये ख़बर प्रिंसिपल द्वारा मीडिया में दे दी गई और फिर इसके झूठे होने की बात सामने आई.

इस झूठी ख़बर का बुरा असर हर्षित के दिमाग पर पड़ा, जिसके बाद 2 अगस्त को उसे अंबाला के अस्पताल में भर्ती किया गया था. हर्षित इसके बाद कुछ खा पी नहीं रहा था, न ही किसी से बात कर रहा था. करीबी लोगों के तानों ने उसके दिमाग पर काफ़ी बुरा असर डाला था. हाल ही में आई मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, हर्षित ‘Confusional Psychosis’ नाम की बीमारी से जूझ रहा है. इस अवस्था में व्यक्ति भ्रम में रहता है. हर्षित का इलाज कर रहे डॉक्टर आर.के. पटनायक के मुताबिक, जब उसे भर्ती कराया गया था, तब वो किसी को नहीं पहचान रहा था. वो कुछ खा भी नहीं रहा था, न ही किसी का सहयोग कर रहा था. अभी वो थोड़ा बेहतर है.
हर्षित के माता पिता अब पहले की तरह प्रिंसिपल को इसका ज़िम्मेदार नहीं ठहरा रहे. उनके मुताबिक, प्रिंसिपल ने ये खुशी के मारे कर दिया होगा, लेकिन शिकायत ये है कि प्रिंसिपल अभी भी उनसे बात नहीं कर रहीं.
हर्षित के घर वालों को अब उसके भविषय की चिंता है. पिता राजेंद्र शर्मा अब स्कूल से इस्तीफ़ा देने की भी सोच रहे हैं. उनके मुताबिक वो अपने स्टूडेंट्स का सामना कैसे करेंगे. हर्षित को डॉक्टर ने मोबाइल, टीवी और मीडिया से दूर रहने को कहा है. लोग उन्हें ताने मार रहे हैं, जिसकी वजह से भी हर्षित ठीक नहीं हो पा रहा.