कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर के कई देशों में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के चलते व्यवसाय ठप होने से सभी देशों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है. ऐसे में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जॉब से निकलना शुरू कर दिया है.
मीडिया भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में लॉकडाउन से प्रभावित दुनियाभर के मीडियम व छोटे न्यूज़ पब्लिशर्स की आर्थिक मदद के लिए गूगल आगे आया है. गूगल ने इस महामारी से हो रहे नुक़सान को देखते हुए लोकल न्यूज़रूम्स को सपोर्ट करने का फ़ैसला किया है.
कंपनी ‘गूगल न्यूज़ इनिशिएटिव’ के तहत दुनियाभर के मीडिया संस्थानों को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पैसा देगी. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
गूगल न्यूज़ के वाइस प्रेसिडेंट रिचर्ड गिंग्रास ने कहा है कि, ग्लोबल लेवल पर छोटे और मीडियम न्यूज़ पब्लिशर्स को फ़ंड दिया जायेगा. इसके लिए गूगल ने ‘जर्नलिज्म इमरजेंसी रिलीफ़ फ़ंड’ बनाया है.
लोकल न्यूज़ पब्लिशर्स लोगों को कनेक्ट रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान लोकल न्यूज़ पब्लिशर्स का रोल अहम हो सकता है. लेकिन इस स्थिति में इंडस्ट्रीज़ को जॉब कट का सामना भी करना पड़ रहा है.
हालांकि, गूगल ने ये नहीं बताया कि इस काम के लिए कितने पैसे ख़र्च किए जाएंगे, लेकिन ये ज़रूर बताया कि छोटे हाइपर लोकल न्यूज़रूम्स से लेकर बड़े न्यूज़रूम्स को हज़ारों डॉलर्स की आर्थिक मदद दी जाएगी. इसे एक किस्त में अमेरिकी डॉलर या यूरो के ज़रिए भेजा जाएगा.
यहां कर सकते हैं आवेदन
कौन कर सकता है आवेदन?
इसके साथ ही जिन लोकल पब्लिशर्स के पास 100 से अधिक फ़ुल टाइम जर्नलिस्ट हैं वो भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. हालंकि, इस तरह के आवेदन को गूगल अपने तरीके से जांच कर फ़ैसला लेगा कि उन्हें फ़ंड देना है या नहीं.
गूगल ने साथ ही कहा कि Google.org की तरफ़ से जर्नलिस्ट्स को सपोर्ट करने वाली दो संस्थाओं को 1 मिलियन डॉलर दिए जाएंगे. इनमें ‘इंटरनेशनल सेंटर फ़ॉर जर्नलिस्ट्स’ और ‘कोलंबिया जर्नलिस्म स्कूल डार्ट सेंटर फ़ॉर जर्नलिज्म और ट्रॉमा’ शामिल हैं.
जानकारी दे दें कि इससे पहले भी कंपनी ने ‘गूगल न्यूज़ इनिशिएटिव’ के तहत 6.5 मिलियन डॉलर देने का ऐलान किया था. हालांकि, ये फ़ैक्ट चेकर्स और कोरोना वायरस से जुडी ग़लत इनफ़ॉर्मेशन को रोकने का काम करने वाले NGO के लिए था.