बीते 24 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. पिछली बार बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. लेकिन इस बार बीजेपी को सिर्फ़ सिर्फ़ 40 सीटों पर ही जीत मिल पायी है. अब एक बार फिर से सत्ता में आने के लिए बीजेपी गठजोड़ की राजनीति में लग गयी है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ‘हरियाणा लोकहित पार्टी’ के विधायक गोपाल कांडा बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देना चाहते हैं. बता दें कि एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सूइसाइड केस में गोपाल कांडा मुख्य आरोपी हैं.
इस दौरान गोपाल कांडा ने कहा कि वो बीजेपी को बिना बिना शर्त समर्थन देने को तैयार है. क्योंकि मेरा परिवार आरएसएस के साथ हैं. मेरी रगों में आरएसएस का ख़ून बहता है.
ये वही बीजेपी है जिसने इस मामले में गोपाल कांडा को कड़ी-से कड़ी सजा दिलाने को लेकर उस वक़्त हरियाणा की हूडा सरकार के ख़िलाफ़ जंग छेड़ रखी थी.
गोपाल कांडा के समर्थन की बात को लेकर बीजेपी में ही विरोध के सुर बजने लगे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हरियाणा में सरकार बनाने के लिए निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा के साथ आने पर ऐतराज़ जताते हुए पार्टी से अनुरोध किया है अपने साथ केवल साथ-सुथरे लोगों को ही रखे. इस दौरान उन्होंने गोपाल कांडा के विरोध में कई ट्वीट कर डाले.
7. मैं @BJP4India जी से अनुरोध करूँगी कि हम अपने नैतिक अधिष्ठान को न भूलें। हमारे पास तो @narendramodi जी जैसी शक्ति मौजूद है, एवं देश क्या पूरे दुनिया की जनता मोदी जी के साथ है तथा मोदी जी ने सतोगुणी ऊर्जा के आधार पर राष्ट्रवाद की शक्ति खड़ी की है।
— Uma Bharti (@umasribharti) October 25, 2019
क्या था गीतिका शर्मा सुसाइड केस ?
5 अगस्त 2012 को एयर होस्टेस गीतिका ने आत्महत्या कर ली थी और अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह गोपाल कांडा से परेशान होकर अपनी जान दे रही हैं. इन आरोपों के बाद से ही पूर्व मंत्री गोपाल कांडा सुर्ख़ियों में रहे है. सुसाइड नोट में गीतिका ने गोपाल कांडा और उसके सहयोगी आरोपी अरुणा चड्ढा पर भी परेशान करने के आरोप लगाए थे.
कांडा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
गोपाल कांडा के ख़िलाफ़ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज़ किया था, लेकिन गीतिका के सुसाइड नोट को देखने के बाद दिल्ली की निचली अदालत ने कांडा पर बलात्कार के मामले में ट्रायल चलाने का फ़ैसला सुनाया था. गोपाल कांडा ने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने रेप के आरोपों को हटाकर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला चलाने के आदेश दिए.
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चुस्ती दिखाते हुए साल 2012 में ही चार्जशीट दाखिल कर दी थी.
गोपाल कांडा को हुई थी 18 महीने जेल
हाईकोर्ट के बलात्कार के आरोपों को हटाने के आदेश के बाद साल 2014 में कांडा को 18 महीने की न्यायिक हिरासत में रहने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था. इस मामले में फ़िलहाल दिल्ली की ‘राउस एवेन्यू कोर्ट’ में सुनवाई चल रही है.
इस मामले में 60 से ऊपर गवाह हैं. साथ ही गीतिका के परिवार, रिश्तेदार और जानकारों का बयान दर्ज हो चुके हैं. लेकिन अभी भी जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी एक्सपर्ट और मेडिकल टीम से जुड़े लोगों के बयान और साक्ष्य इस मामले की सुनवाई में शामिल किए जा रहे हैं.
गीतिका की मां ने भी कर ली थी आत्महत्या
बेटी को इंसाफ न मिलने पर गीतिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या के लिए उकसाने और सुसाइड नोट में बेटी को न्याय न मिलने की बात को लेकर गोपाल कांडा के ख़िलाफ़ दूसरा मामला दर्ज़ किया गया था. फ़िलहाल इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई पर स्टे लगा हुआ है, क्योंकि गोपाल कांडा के वकीलों का कहना था कि गीतिका की मां के साथ गोपाल कांडा का कभी कोई संपर्क ही नहीं रहा. इसलिए आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला गोपाल कांडा पर नहीं चलाया जा सकता है.
गोपाल कांडा का बीजेपी को समर्थन देने की बात पर गीतिका शर्मा के भाई अंकित शर्मा ने कहा कि ‘बेटियों को मारने वाला और उनकी ज़िंदगी बर्बाद करने वाला अगर कुर्सी पर बैठ जाएगा तो बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी. जिस इंसान पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस हो वो कैसे नेता चुना जा सकता है. 7 साल से केस चल रहा है और अभी सबूत ही पूरे नहीं हुए. ऐसे में जब ये पावर में आ जाएगा तो पूरा केस ही खत्म कर दिया जाएगा. फिर यह साबित करने की कोशिश की जाएगी कि ऐसा कोई केस हुआ ही नहीं.