भारतीय सरकार डिजीटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए कमर पूरी तरह कसे हुए है. रोज नये-नये नियम बना कर सरकार अपने प्रयासों को बढ़ावा देने में लगी हुई है, जिससे कि डिजीटल पेमेंट अधिक से अधिक संख्या में हो. विमुद्रिकरण के बाद से ही सरकार ने ऐसे और भी कई कदम उठाये हैं, जिससे कैशलेश इकॉनोमी की तरफ़ हमारा देश बढ़ सके. ऐसे कई कदम उठाये गये हैं, जिससे की नकदी के प्रयोग को चलन में काफ़ी कम किया जाये.
इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए सरकार ने एक और बड़े स्तर पर कदम उठाया है. अब सरकार आधार पे सर्विस लांच करने वाली है. इस स्कीम के तहत जिसका भी आधार कार्ड उसके बैंक अकाउंट से जुड़ा हो, वो व्यक्ति अपने अंगूठे और आधार नंबर के जरिए पेमेंट सेंड भी कर सकेगा और रिसीव भी. इस स्कीम का एकमात्र लक्ष्य है, देश में कैशलेश ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना.
इस स्कीम के शुरू होने के बाद अब ग्राहकों को पेमेंट करने के लिए मोबाइल कैरी करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. जहां कहीं भी पेमेंट करना हो, तो अपना आधार नंबर बताना होगा और अंगूठे के निशान को वेरीफाई करके पेमेंट हो जायेगा. इसी प्रक्रिया से हम पेमेंट रिसीव भी कर सकेंगे.
इलेक्ट्रॉनिक एंड आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि आधार पे स्कीम से अब तक 14 बैंकों को जोड़ा जा चुका है. देश में फ़िलहाल 111 करोड़ लोग आधार नंबर से जुड़े हुए हैं, इस वजह से सरकार का मानना है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग आधार पे के जरिए पेमेंट कर सकेंगे.
सरकार जिस तरह से देश को कैशलेश इकॉनोमी बनाने के लिए एक के बाद एक कदम उठाये जा रही है, वो बताता है कि सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीर है. ऐसे में उसे जनता से भी भरपूर सहयोग मिलने की उम्मीद है.