दिल्ली में सड़क दुर्घंटना के शिकार हुए किसी व्यक्ति को अगर आप अस्पताल पहुंचाते हैं, तो आपको दो हज़ार रुपये का ईनाम दिया जायेगा. जब ऐसे काम को करने के लिए इंसानियत काफ़ी नहीं पड़ती, तो प्रशासन को इस तरह की स्कीम लानी पड़ती हैं. पता नहीं इसे ईनाम कहा जाना चाहिए या हम सबके ज़मीर पर तमाचा.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री, सत्येन्द्र जैन ने ये स्कीम दुर्घटना के शिकार हुए लोगों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए लागू की है. Good Samaritan पॉलिसी के अंतर्गत ऐसे लोगों को प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा.

दिल्ली सरकार ने अगस्त में इस स्कीम का प्रस्ताव दिया था. सुभाष नगर में सड़क दुर्घटना के बाद एक व्यक्ति सड़क पर पड़े-पड़े मर गया था और किसी ने उसे अस्पताल ले जाने की ज़हमत नहीं उठायी थी. इस घटना के बाद ये स्कीम लाने पर विचार किया गया.

सत्येन्द्र जैन ने ये भी कहा कि दिल्ली में दुर्घटना के शिकार लोगों को, न्यूयॉर्क से ज़्यादा जल्दी अस्पताल ले जाया जाता है.

किसी की मदद करने के लिए किसी को प्रोत्साहित किया जाना ठीक है, लेकिन अगर मदद करने की इच्छा ही किसी ईनाम की मोहताज हो जाये, तो ये शर्म की बात है. सरकार जो कर रही है ठीक है, लकिन इंसान होने के नाते हम सबकी भी कुछ ज़िम्मेदारी बनती है, जिसे हम कहीं न कहीं भूलते जा रहे हैं.

अगर एक व्यस्त सड़क पर दुर्घटना के बाद कोई इंसान तादात-तड़प कर दम तोड़ देता है और लोग मूक दर्शक बने खड़े रहते हैं, तो एक समाज के तौर पर ये हम सबकी विफ़लता है.