भले ही ट्रांसजेंडर्स को ले कर लोगों की मानसिकता अब भी संकीर्ण बनी हुई हो, पर सरकार अपनी तरफ़ से ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिए हर सम्भव कोशिश कर रही है. इसी क्रम में सरकार ने फ़ैसला लिया है कि ट्रांसजेंडर अब से अपनी पसन्द के अनुसार किसी भी टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकेंगे.
सरकार के इस फ़ैसले के बाद ट्रंसजेंडर्स अब महिला या पुरुष, किसी भी टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकेंगे. इस बाबत सैनिटेशन मिनिस्ट्री एक एडवाइज़री जारी कर स्टेट गवर्नमेंट के पास सर्कुलर भेज चुकी है.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस सर्कुलर को 3 अप्रैल को जारी किया गया था. इस सर्कुलर में हर नागरिक को टॉयलेट के इस्तेमाल का अधिकार दिया गया है. इस सर्कुलर में ट्रांसजेंडर्स को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ने के लिए भी कहा गया.
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट, तमिलनाडु सरकार को आदेश दे चुकी है कि वो ऐसी जगहों का चुनाव करके टॉयलेट बनवाये, जहां ट्रांसजेंडर्स बड़ी आबादी में रहते हैं.
2014 में भी सुप्रीम कोर्ट ट्रांसजेंडर्स को तीसरे जेंडर का दर्जा दे चुका है और इनके लिए अलग से टॉयलेट बनवाने के लिए सरकार को आदेश दे चुका है.