अक्सर तीसरे जेंडर को अपने देश में हीन भावना से देखा जाता है. लेकिन अब सरकार इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है. भारत सरकार ने फैसला लेते हुए ये आदेश दिए हैं कि ट्रांसजेंडर अपनी मर्जी से महिला या पुरुष किसी भी पब्लिक टॉयलेट को इस्तेमाल कर सकते हैं. ये उनकी मर्जी पर आधारित होगा कि वो कौन से टॉयलेट को इस्तेमाल करना चाहते हैं.

b’Source: PTI’

भारत सरकार ने इस नियम को पूरे देश में लागू किया है और राज्य सरकार को भी इसके लिए निर्देश दिए हैं. ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत इस नियम को लागू किया गया है. सरकार इन्हें समाज के साथ जोड़ना चाहती है और उन्हें भी उनके पूरे हक़ के साथ जीने की आज़ादी देना चाहती है.

वहीं मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडू सरकार को आदेश दिए हैं कि इन लोगों के लिए पूरे राज्य में टॉयलेट बनवाए जाएं. साथ ही इस बात का ध्यान ज़रूर रखा जाए कि उन जगहों पर इस काम को जल्दी शुरू किया जाए, जहां इनकी संख्या ज़्यादा है.

b’Ministry of Drinking Water and Sanitation’

हमारे समाज ने कभी भी इन्हें नहीं अपनाया है. ऐसे में भारत सरकार और मद्रास हाई कोर्ट का ये आदेश इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में काफ़ी कारगर हो सकते है. आखिर वो भी हमारे देश के और समाज के ही हिस्से हैं और उन्हें भी उनका हर हक़ मिलना जायज है.