ये तस्वीरें देखिए-


जिनको गुजरात दंगों की स्मृति है उन्हें ये दोनों तस्वीरें भी याद होंगी. गुजरात दंगों का चेहरा, पहचान बन गई थीं ये तस्वीरें.
अब ये तस्वीर देखिए-

अशोक परमार और कु़तुबुद्दीन अंसारी. अंसारी ने अहमदाबाद में ‘एकता चप्पल घर’ नाम से दुकान खोली और इसके उद्घाटन के लिए अशोक को बुलाया.
Indian Express से बातचीत में अशोक ने कहा,
‘मेट्रो कन्सट्रक्शन के बाद से मेरी कमाई पर बहुत असर पड़ा. मैं कभी 300 रुपए रोज़ कमा लेता था और वो 150 रुपए ही होती थी.’
अशोक के जूतों की दुकान के लिए कॉम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया ने फ़ंडिंग देती है. अशोक अभी अहमदाबाद के थोक बाज़ार से ख़रीदकर रेडीमेड जूते बेचेंगे.
दंगों के बाद क़ुतुबुद्दीन पश्चिम बंगाल में बस गए थे. जब हालात थोड़े ठीत हुए तो वे शहर वापस लौटे.
मैं सिलाई करता हूं और फिर माल बाज़ार में बेचता हूं.
-क़ुतुबुद्दीन अंसारी
अपने और अशोक की दोस्ती पर क़ुतुबुद्दीन ने कहा
हम मिलते रहते हैं. उसने मुझसे अपनी दुकान का उद्घाटन करने को कहा. मेरे लिए इससे ज़्यादा ख़ुशी की बात कोई नहीं हो सकती कि वो तरक्की कर रहा है. मैंने उसकी दुकान का उद्घाटन किया और कई जोड़ी चप्पल ख़रीदे. मैं दुआ करता हूं कि उसका बिज़नेस चल निकले.
-क़ुतुबुद्दीन अंसारी

2014 में क़ुतुबुद्दीन और अशोक को एक सेमिनार में बुलाया गया जहां वो दोस्त बन गए. क़ुतुबुद्दीन ने एक किताब लिखी और अशोक ने उसका उद्घाटन किया.
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