सोशल मीडिया लोगों को जोड़ने के लिए जितना अच्छा ज़रिया है, उतना ही ये ख़तरनाक भी साबित हो सकता है. सोशल मीडिया के चलन के साथ साइबर क्राइम के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं. कई लोग इसके इस्तेमाल से कम उम्र की लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं.

ऐसा ही कुछ हुआ एक 17 साल की लड़की के साथ. उदयपुर की इस लड़की के साथ जो हुआ, वो उसके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था. aryan6687 नाम की एक प्रोफ़ाइल से उसे Instagram पर किसी ने मेसेज किया. उस मेसेज में एक अश्लील तस्वीर थी, जिसमें उस लड़की के चहरे को किसी नंगे शरीर पर लगा रखा था. लड़के ने मेसेज में लिखा था “मुझसे फ़ेसबुक पर मिलो, मैंने तुम्हें इस तस्वीर में टैग किया है.” इसके अलावा भी लड़के ने लड़की को कई अश्लील सन्देश भेजे थे.

लड़की ने मेसेज अपने माता-पिता को दिखाया. परिवार धान मंडी पुलिस स्टेशन पहुंचा, वहां उनके साथ पुलिस ने भी बदसलूकी की. लड़के का पता लगा कर उसके खिलाफ़ एक्शन लेने के बजाय, पुलिस ने सारा इलज़ाम लड़की के सर डाल दिया. उनका कहना था कि लड़की को सोशल मीडिया पर होना ही नहीं चाहिए था.

इसके बाद लड़की की बड़ी बहन ने फ़ेसबुक के ज़रिये लोगों को बताया कि पुलिस ने उनके साथ कैसा बर्ताव किया. उसने बताया कि पुलिस ने उसके माता-पिता से कहा कि ये सब शिकायतें साइबर क्राइम सेल देखता है. जब उन्होंने साइबर क्राइम सेल से संपर्क किया, तो उनसे कह दिया गया कि वो केवल ATM से सम्बंधित शिकायतें दर्ज करते हैं.

जब वो दोबारा पुलिस स्टेशन गए, तो उनसे अगले दिन आने को कहा गया. अगले दिन सर्कल इंस्पेक्टर और एक वकील से सामने लड़की को फिर से पूरी बात सुनाने को कहा गया. इस पर वो लोग लड़की और उसके पिता की मोरल पुलिसिंग करने लगे.

उनसे कहा गया कि बोहरा लोग अपने बच्चों को कुछ ज़्यादा ही आज़ादी देते हैं. इन लड़कियों को माता-पिता से बहुत आज़ादी मिली हुई है, इसलिए उनके साथ ये सब होता है. उन्हें सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालनी ही नहीं चाहिए. लड़की से उसका अकाउंट डिलीट करने को कहा गया.

लड़की की बहन ने उस लड़के के मेसेज का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया. उन्होंने लड़कियों को दी जाने वाली आज़ादी और बोहरा समुदाय पर इलज़ाम डाल कर अपना पल्ला झाड़ लिया. इतना सब होने के बाद भी पुलिस ने ये कह कर FIR दर्ज करने से मना कर दिया कि ये प्रक्रिया बहुत लम्बी और समय व्यर्थ करने वाली होगी.

लड़की की बहन ने मांग की है कि ऐसे अधिकारीयों को सबक मिलना चाहिए. वो अपने कर्तव्य से भाग रहे हैं और पीड़ित पर इल्ज़ाम डाल रहे हैं.

मेनका गांधी ने इस पोस्ट के बाद ट्वीट कर लड़की को मदद का आश्वासन भी दिया है. लोगों में भी इस घटना को लेकर बहुत रोष देखा गया, कई लोगों ने सलेहा के पोस्ट पर कमेन्ट किया.

ये घटना सबूत है इस बात का कि देश में अपराधियों की हिम्मत इतनी बुलंद इसीलिए है, क्योंकि हमारा सिस्टम उन्हें सबक सिखाने के बजाय, पीड़ित को शिक्षा देने में यकीन रखता है.