एक नए अध्ययन में कहा गया है कि गैंडों के संरक्षण में उनको उल्टा लटकाना एक ज़रूरी क़दम है. सुनने में भले ही ये अजीब लगे मगर इस दावे के पीछे ठोस कारण हैं.

euronews.com

गैंडे लुप्तप्राय जानवर हैं, ख़ासकर ब्लैक राइनो प्रजाति. कारण- दुनिया में  गैंडों के सींग की ज़बरदस्त मांग. इनके संरक्षण में लगे लोगों को एक तरफ़ गैंडों को शिकारियों से बचाना होता है तो दूसरी तरफ़ घटते जंगल के बीच उनको ज़िंदा रखने की ज़द्दोज़हद करनी पड़ती है. संरक्षणकर्ता कई वर्षों से उनकी रक्षा करने के लिए बेहतर तरीक़े की खोज कर रहें हैं और कई बार नायाब तरीक़ा आज़माते हुए पाए जाते हैं. 

कभी-कभी गैंडों को हेलीकॉप्टर से दुर्गम और जंगली इलाक़ों में ले जाया जाता है ताकि वो सुरक्षित रहें. अमूमन यहां तक पहुंचने का कोई और रास्ता नहीं होता है. ऐसे में इनके शिकारियों के हत्थे चढ़ने की संभावना काफ़ी कम होती है. हालांकि, इन विशाल जानवरों को वहां तक पहुंचना काफ़ी मुश्किल काम होता है. गैंडों को बेहोश कर और उनको पैरों के बल उल्टा लटका कर उन्हें उन जगहों तक पहुंचाया जाता है.

Cornell University

WWF के अनुसार, गैंडों को पैरों से एयरलिफ़्ट करना न सिर्फ़ समय की बचत करता है, बल्कि दूसरे तरीक़ों से कम कष्टकारी है. ये तरीक़ा पिछले 10 सालों से अपनाया जा रहा है. हालांकि, इस बात को लेकर हमेशा बहस होती रही है कि क्या इन्हें जो बेहोशी की दवा दी जाती है वो उन्हें लिटा के ले जाने के बजाय उल्टा लटका कर ले जाने पर ज़्यादा ख़तरनाक साबित होती है.

अब एक नए अध्ययन में ये निष्कर्ष निकाला गया है कि गैंडों पर उन दवाओं का कम दुष्प्रभाव होता है अगर उन्हें उल्टा लटका ले जाया जाता है. ये शोध न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के Journal of Wildlife Diseases में प्रकाशित हुआ है.

euronews.com

इसके लिए शोधकर्ताओं की टीम ने नामीबिया में वॉटरबर्ग नेशनल पार्क गई जहां उन्होंने 12 गैंडों की जांच की. इस तथ्य के बावजूद कि बेहोश करने वाली दवाओं के साइड इफ़ेक्ट्स गंभीर हो सकते हैं शोधकर्ताओं ने पाया कि जब गैंडे पैरों के बल हवा में लटके होते हैं तो जोख़िम कम हो जाता है.

Pet Candy