कुछ ख़बरे सुनने के बाद सच में मन काफ़ी ख़राब हो जाता है. अब दिल्ली के इस बुज़ुर्ग राजवीर शर्मा को ही ले लीजिए, 66 साल की उम्र में अपनी और अपनी पत्नी की सुरक्षा के लिए इन्हें कोर्ट का दरवाज़ा ख़टख़टाना पड़ा. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस दंपत्ति को अपनी जान का ख़तरा किसी रिश्तेदार, पड़ोसी या फिर बदमाश से नहीं, बल्कि ख़ुद के शराबी बेटे से था.

66 साल के बुज़ुर्ग के आरोप के मुताबिक, इन्हें अपने ही घर में अपने शराबी बेटे से डर-डर कर रहना पड़ता है. शराब के लिए पैसे न देने पर इनका बेटा इनके साथ मार-पीट करता है, इतना ही नहीं इन्हें जान से मारने की धमकी भी देता है.’

बुज़ुर्ग द्वारा अपने ही बेटे पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर विचार करते हुए, न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने संबधित थाने के SHO को बुज़ुर्ग दंपत्ति की सुरक्षा का आदेश दिया है.

इसके साथ ही जज ने भी कहा, ‘पीड़ित बुर्ज़ुग को थाने में तैनात दो अधिकारियों के नबंर भी दिए जाएं, ताकि कोई भी दिक्कत होने पर बुज़ुर्ग दंपत्ति उन्हें फ़ोन कर सकें और इनकी किसी भी तरह की शिकायत पर पुलिस अफ़सर तुरंत घटनास्थल पर हाज़िर हों.’
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया कि ‘पीड़ित दंपत्ति के 22 वर्षीय शराबी बेटे को अपनी ग़लती पर काफ़ी पछतावा है और उसने वादा किया है कि अब वो दोबारा कभी अपने माता-पिता के साथ बुरा बर्ताव नहीं करेगा, साथ ही सुधरने का प्रयास भी करेगा.’

बता दें कि बीते 4 सितबंर को दिल्ली उच्च न्यायालय में 66 वर्षीय राजवीर शर्मा ने याचिका दायर कर अपने शराबी बेटे से बचाने की गुहार लगाई थी, ताकि वो और उनकी पत्नी अपने घर में शांतिपूर्वक आत्मसम्मान के साथ जी सकें. मामले में न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने उत्तर पश्चिम दिल्ली के एक थाने के SHO को नोटिस भी ज़ारी किया था. साथ ही अदालत ने पुलिस को याचिका में लगाए गए आरोपों पर स्थिति रिपोर्ट दायर कर, 12 सितबंर यानि मामले की सुनवाई वाले दिन आरोपी बेटे को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.

याचिकाकर्ता के वकील अमित कुमार ने कहा, ‘पीड़ित बुज़ुर्ग को उनका बेटा पीटता है, क्योंकि वो उसको उसके रोज के गै़र ज़रूरी खर्च देने से मना करते हैं. बुज़ुर्ग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं और इस बारे में बीते 2 अगस्त को विजय विहार थाने में शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.’

Source : Indiatoday