इन दिनों भारत में स्वास्थ्य से संबंधित कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. एक तरफ़ बंगाल में हुए बवाल के बाद डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. वहीं बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर से भी अच्छी ख़बर नहीं आ रही है. बिहार में पिछले कुछ दिनों में एक्यूट इंसेफे़लाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफे़लाइटिस या चमकी बुखार की वजह से 84 बच्चों की मौत हो चुकी है.
इस मामले को बढ़ता हुआ देख खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया है. डॉ. हर्षवर्धन के साथ स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी हैं. इससे पहले मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि केंद्र बिहार को एक्यूट इंसेफे़लाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफे़लाइटिस से निपटने के लिए हर संभव मदद कर रहा है.
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur rises to 84. pic.twitter.com/lVnzrRL1ne
— ANI (@ANI) June 16, 2019
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिवार को 4 लाख रुपये सहायता राशि देने की बात कही है. साथ ही नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और डॉक्टरों को इस बीमारी से निपटने के लिए ज़रूरी कदम उठाने के लिए कहा है.
बता दें कि 15 साल तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज़्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज़ बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन होना है.
Bihar: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan reaches Sri Krishna Medical College & Hospital in Muzaffarpur, to review the situation prevailing due to the outbreak of Acute Encephalitis Syndrome (AES). Death toll due to AES has risen to 80 in Muzaffarpur. pic.twitter.com/sppPkaQbvt
— ANI (@ANI) June 16, 2019
मुज़फ़्फ़रपुर पहुंचने के बाद स्वास्थ्य मंत्री, हर्षवर्धन विशेषज्ञों से बात करेंगे और राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करेंगे. डॉ. हर्षवर्धन ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि केंद्र हर संभव मदद करने को तैयार है. वो इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समेत केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों से भी मदद लेंगे, लेकिन इस बुख़़ार को रोकेंगे.