दिल्ली के जामिया मिलिया इसलामिया विश्वविद्यालय और उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुई पुलिसिया कार्यवाई के विरोध में अमेरिका के हावर्ड विश्वविद्यालय के 100 छात्रों ने खुला पत्र लिखा है. 

The News Minutes

हावर्ड के छात्रों ने रविवार को पुलिस और छात्रों में बीच हुए हिंसा की आलोचना की और नए नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ भी बातें लिखी हैं. 

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हावर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्याय के छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए लिखा, ‘प्रदर्शन और विरोध लोकतंत्र में निहित हैं.’ 

पत्र में लिखा है, ‘प्रदर्शन से असुविधा और रुकावट पैदा होते हैं, लेकिन इससे राष्ट्र की धर्मनिर्पेक्ष और लोकतांत्रिक बनावट बची रहती है.’ 

प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए पुलिस द्वारा किया गया बल प्रयोग, आंसू गैस का इस्तेमाल, लाठी चार्च, शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद शारीरिक हिंसा और विश्वविद्यालय परिसर पुलिस का ज़ोर-ज़बरदस्ती से प्रवेश करना और इंटरनेट को बंद करना निन्दनीय है.

-पत्र का एक हिस्सा

दिल्ली और उत्तरप्रदेश के पुलिस के ऊपर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने ज़रूरत से ज़्यादा बल का प्रयोग किया है. पुलिस और छात्रों में हुए झड़प से 50 से ज़्यादा छात्र चोटिल हुए और जामिया के 100 छात्रों को हिरासत में लेकर छोड दिया गया. 

हावर्ड के छात्रों ने पत्र में लिखा है, ‘ पुलिस द्वारा छात्रों को पीटने की रिपोर्ट्स सामने आने से हम हम स्तब्ध हैं… इसमें महिला छात्रों की हुई पिटाई भी शामिल है.’ 

बता दें कि नागरिकता संसोधन क़ानून, 2019 के विरोध में देशभर के कई विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है.