पद्मावती को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. हाल ही में फ़िल्म पर विवादित बयान देने वाले हरियाणा के चीफ़ मीडिया कोऑर्डिनेटर सूरजपाल अम्मू ने बीते बुधवार को इस्तीफ़ा दे दिया. बीते दिनों सूरजपाल अम्मू ने पद्मावती का विरोध करते हुए फ़िल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सिर कलम करने पर 10 करोड़ रुपये का ईनाम देने की घोषणा की थी.

नेता के विवादित बयान पर सियासी घमासान देखते हुए सत्ताधारी बीजेपी सरकार की तरफ़ से उन्हें एक नोटिस भी जारी किया गया था. सूरज पाल ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफ़ा सौंपा. इसके साथ ही अम्मू ने हरियाणा के मुख़्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पर भी हमला बोला. साथ ही उन्होंने दिल्ली में राजपूत करणी सेना और मुख़्यमंत्री के बीच की हुई मुलाकात को पहले से तय बताते हुए, इसे राजपूत समुदाय का अपमान करार दिया है.

इतना ही नहीं, नेता ने खट्टर सरकार को चेतावनी देते हुए ये भी कहा है कि राजपूत लोग इसे बर्दाशत नहीं करेंगे और आने वाले वक़्त में सरकार को इसका हर्ज़ाना भी भुगतना पड़ेगा.

बता दें, फ़िल्म पद्मावती पर Central Board of Film Certification की मुहर लगने के बाद खट्टर सरकार ने राज्य में फ़िल्म स्क्रीनिंग का फ़ैसला लिया था, लेकिन अम्मू मुख्यमंत्री के इस फ़ैसले से ख़ुश नहीं थे और वो राज्य में फ़िल्म पूरी तरह से बैन करने की मांग कर रहे थे.बताया जा रहा है कि नेता की भड़काऊ टिप्पणी पर भंसाली के एक फ़ैन ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी.