स्कूलों, सरकारी विभागों में हॉस्पिटल्स में अकसर घूस लेकर भर्ती होने की तो आपने कई बार ख़बरें सुनी होंगी. हमारे देश में अकसर लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा करते हैं. झूठी डिग्री और कागज़ात तो ऐसे छपते हैं यहां, जैसे किसी विज्ञापन का कोई टेम्पलेट. लेकिन सेना में भर्ती पाने के लिए किसी ने ऐसा किया हो, ये कभी सुनने में नहीं आया. मगर आज हम आपके लिए यही खबर लाये है कि कैसे हरियाणा के युवा सेना में भर्ती होने के लिए सिख बन रहे हैं और पकड़े भी जा रहे हैं.

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फरवरी 2016 में हरियाणा के कैथल में रहने वाले शिव (काल्पनिक नाम) ने इंडियन आर्मी की सिख रेजिमेंट में भर्ती होने के लिए सभी ज़रूरी टेस्ट पास कर लिए, मगर ट्रेनिंग सेंटर के प्रशिक्षकों को कुछ अजीब लगा और उस पर शक हुआ. उनको ये आभास हुआ कि कुछ तो दाल में काला है. इसकी वजह ये थी कि न सिर्फ़ शख़्स का नाम हिन्दू था, बल्कि वो पूछे गए सवालों के जवाब पंजाबी में ढंग से दे पा रहा था. जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि सेना जॉइन लिए उसने खुद को सिख दिखाने के लिए दस्तावेजों को तैयार किया.

ऐसा नहीं है कि ऐसा किस्सा पहली बार हुआ है, बल्कि बीते दो सालों में हरियाणा के नौजवानों के खिलाफ़ इसी तरह के मामलों में 51 FIR दर्ज हो चुकी हैं. इनमें से ही एक है शिव का मामला. इन सभी ने आर्मी की सिख रेजिमेंट जॉइन करने के लिए खुद को सिख दिखाने के लिए फर्जी कागज़ात बनवाये थे. इससे ये तो साफ़ हो जाता है कि हरियाणा के युवक अपने भविष्य को उज्जवल बनाने और सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए आर्मी में जाने को एक अच्छा विकल्प मानते हैं. और आर्मी जॉइन करने की उनकी ललक भी साफ़ दिखाई देती है.

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लेकिन फ़र्जीवाड़ा करके ये युवक आर्मी में सेलेक्ट तो हो जाते हैं, लेकिन जब शुरू होती है सिख रेजिमेंट सेंटर में इनकी ट्रेनिंग, तब ये पकड़े जाते हैं. इस तरह से आर्मी जॉइन करने की इच्छा रखने वाले युवकों में से कुछ तो अपने सर्टिफ़िकेट में और जाति प्रमाणपत्र में अपने नाम के आगे वाले बॉक्स में सिख लिख देते हैं. वहीं कुछ ऐसे होते हैं, जो गुरुद्वारे जाकर अमृत गृहण करने के साथ ही पूरे रीति-रिवाज़ के साथ सिख धर्म को अपनाते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंडियन आर्मी में सांस्कृतिक समानता के आधार पर बड़ी संख्या में विशेष समुदाय की कई रेजिमेंट बनी हुई हैं. ये परंपरा आज से नहीं, बल्कि ब्रिटिश काल से चली आ रही है.

ऐसे ही एक मामले में जब सिख रेजिमेंट सेंटर में अधिकारियों ने सिमरजीत से सवाल-जवाब किये, तो वो सिख धर्म के बेसिक रूल्स और सिद्धांत तक नहीं बता पाया. बाद में उसने बताया कि सिख कोटा के अंतर्गत आर्मी में सेलेक्ट होने के बाद उसने गुरुद्वारा में अमृत ग्रहण किया था. हालांकि, शिव और सिमरजीत दोनों को इंडियन आर्मी से निकाल दिया गया है. साथ ही इन दोनों के खिलाफ़ आपराधिक मालमा भी दर्ज किया गया है.

अंबाला कैंट में स्थित रिक्रूटमेंट ऑफ़िस के निदेशक कर्नल विक्रम सिंह सांखला ने TOI को बताया कि ‘ये एक खतरनाक ट्रेंड बनता जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह से होने वाली भर्ती प्रक्रिया के दौरान ऐसे कैंडिडेट्स की पहचान करना तब तक बहुत मुश्किल होता है, जब तक कि कागज़ातों में किसी तरह की गड़बड़ी और फ्रॉड पकड़ में ना आये.’

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