न्यूज़ से लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नए शब्द को लेकर गहमा-गहमी है – हवाना सिंड्रोम (Havana Syndrome). भारत में ‘हवाना सिंड्रोम’ चर्चा का विषय तब बना, जब अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स में ये खुलासा हुआ कि भारत से लौटे अमेरिकी ख़ुफ़िया अधिकारी इस रहस्यमय बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं.
अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी, CIA (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के निदेशक विलियम बर्न्स अपने अधिकारियों के साथ भारत के एक गोपनीय दौरे पर आए हुए थे. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजित डोभाल के साथ अफ़ग़ानिस्तान संकट पर विचार-विमर्श किया था. CNN ने तीन अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि हवाना सिंड्रोम (Havana Syndrome) की तरह लगने वाले लक्षणों के चलते एक अधिकारी को मेडिकल मदद लेनी पड़ी है.
क्या होता है हवाना सिंड्रोम?
हवाना सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो इंसान के मानसिक स्वास्थ्य पर हमला करती है. गौरतलब है कि इसकी चपेट में आम लोग नहीं, बल्कि ख़ास लोग ही आए हैं. इनमें मुख्यतः अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग और दूतावास के अधिकारी शामिल हैं.
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इसमें मरीज़ को बिना किसी बाहरी शोर के अजीब सी आवाज़ें सुनाई देती हैं, जैसे धातु के रगड़ने की आवाज़, मक्खी के भिनभिनाने की आवाज़, सख्त सतह पर छेद करने की आवाज़, आदि. इसके अन्य लक्षणों में चक्कर आना, थकान महसूस होना, उबकाई आना, सिरदर्द होना, याद्दाश्त से जुड़ी दिक्कतें, संतुलन खोना शामिल है.
हवाना सिंड्रोम की जड़ें
हवाना सिंड्रोम सबसे पहले क्यूबा में देखने को मिला था, और वहीं से इसे ये नाम भी मिला है. 2016 में हवाना में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों और जासूसों में सबसे पहले इसके लक्षण पाए गए थे. उन्हें सरदर्द के साथ अजीब आवाज़ें सुनाई देने लगी थी, उन्हें न उन्हें नींद आती थी और न ही वो किसी काम पर ध्यान केंद्रित कर पाते थे.
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2018 में चीन में अमेरिकी राजनयिकों को इसी तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ा था. इसके अलावा अन्य देशों में, CIA एजेंट जहां-जहां रूसी गुप्त अभियानों को नाकाम करने के उद्देश्य से काम कर रहे थे, वो भी इसकी चपेट में आ चुके हैं.
कैसे होता है ये हमला?
साल 2020 की National Academies of Sciences की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने निर्देशित माइक्रोवेव विकिरण (Directed Microwave Radiation) को हवाना सिंड्रोम (Havana Syndrome) का संभावित कारण माना है. इस सिंड्रोम को फ़िलहाल एक सामूहिक मनोवैज्ञानिक बीमारी (Mass Psychogenic Illness) माना जा रहा है.
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