तेलंगाना में स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ज़िम्मेदारियों को निभाने की एक बड़ी ही अनूठी मिसाल पेश की है. यहां 3 कर्मी एक गर्भवती आदिवासी महिला को न सिर्फ़ 7 किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर ले गईं, बल्कि उन्होंने उसकी सकुशल डिलिवरी भी कराई है.   

दरअसल, Pusugudem gram panchayat के तहत Gangul Nagar की Madakam Dhule को अचनाक ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. उनके पति ने इस बात की जानकारी स्थानीय आशा कार्यकर्ता और एएनएम को दी. एएनएम भुइया ज्योति, आशा कार्यकर्ता धना लक्ष्मी और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दुर्गा तुरंत ही महिला के घर निकल गईं.  

Telanganatoday की रिपोर्ट के मुताबिक़, गांव में लॉकडाउन और बैरिकेडिंग होने की वजह से 108 एंबुलेंस वहां नहीं पहुंच सकती थी. ऐसे में उन्होंने गर्भवती महिला को उठाकर पैदल ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का निर्णय किया.  

उन्होंने एक स्ट्रेचर तैयार किया और जंगल के रास्ते महिला को ले जाने लगे. लेकिन क़रीब 7 किलोमीटर चलने के बाद महिला को तेज़ प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. जब उन्हें लग गया कि महिला अब डिलिवरी के लिए तैयार है, तो उन्होंने वहीं किसी तरह बच्चे का जन्म कराया.  

महिला ने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया. जिसके बाद उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. राजस्व विभागीय अधिकारी के. स्वर्णलता और तहसीलदार राणा प्रसाद ने स्वास्थ्य कर्मियों की सराहना की.  

तेलंगाना की इन तीन स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने साबित कर दिया कि काम तो हम सभी करते हैं, लेकिन अपनी ज़िम्मेदारियों का एहसास बहुत कम ही लोगों को होता है. ऐसे ही लोगों की वजह से सरकारी व्यवस्था पर एक आम इंसान का भरोसा बना रहता है.