माना जाता है कि मां से बढ़कर किसी बच्चे को दुनिया में कोई प्यार नहीं कर सकता. ऐसे में अगर कोई बच्चा अपनी मां की बांहों में ही दम तोड़ दे तो ज़ाहिर है ये अनुभव किसी असहनीय पीड़ा से कम नहीं होगा लेकिन दुर्भाग्य से इंग्लैंड में एक महिला को इसी अनुभव से गुज़रना पड़ा.

ऑक्सफ़ोर्ड में रहने वाली एनाली गिब्सन ने अपनी बच्ची से बिछड़ने की ह्रदयविदारक घटना को बयां किया है. उनकी बेटी एक दुर्लभ स्थिति से गुज़र रही थी. पिछले हफ़्ते जब एनाली ने अपनी बच्ची को सीने से लगाया हुआ था, उसी दौरान उनकी बच्ची ये दुनिया छोड़कर चली गई थी. अगस्त में एक मुश्किल ऑपरेशन झेलने के बाद एनाली की बेटी ने आखिरकार पिछले हफ़्ते दम तोड़ दिया.

एनाली जब 20 हफ़्ते की प्रेग्नेंट थी तब डॉक्टर्स ने गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में कुछ दुर्लभ चीज़ को नोटिस किया था. 9 मार्च को C-सेक्शन से पैदा हुई लिटिल मैरी के जन्म लेने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर्स ने चेता दिया था कि ये बच्ची शायद ज़्यादा दिनों तक ज़िंदा नहीं रह पाएगी.

मैरी रोज़ को Encephalocele था. ये बीमारी तब होती है जब बेबी का न्यूरल ट्यूब प्रेग्नेंसी के दौरान बंद होने में नाकाम रह जाता है. इसका मतलब है कि इस बच्ची का दिमाग सिर के भीतर नहीं, बल्कि सिर के पिछले हिस्से में मौजूद था और काफी बड़ा हो चुका था. डॉक्टरों की ये बात सुनकर एनाली सकते में थी. उन्होंने कहा कि ‘पिछले शुक्रवार को ही मेरी बच्ची ने पहली बार आंखे खोली थीं और शनिवार को वो चल बसी.’

इस बच्ची को पिछले कुछ समय से सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी. डॉक्टरों ने 1 अक्टूबर को बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था और निर्देश दिए थे कि अगर बच्ची को ज़्यादा तकलीफ़ हो तो उसे Calpol दवा दे दी जाए, लेकिन घर पहुंचकर बच्ची की हालत बिगड़ने लगी.

एनाली के मुताबिक, ‘मैंने उसकी हालत देखी थी और मुझे पता है कि एक नन्हीं बच्ची कुछ ज़्यादा ही तकलीफ़ से गुज़र रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था – मानो वो कह रही हो कि अब मेरा जाने का समय हो गया है और मैं आपसे अलविदा लेती हूं. मरने से पहले मेरी बच्ची ने अपनी मां को ही देखा था. उसने हल्की सी आवाज़ की, एक ऐसी आवाज़ जो मैंने कभी उसके मुंह से नहीं सुनी थी, और उसके बाद उसके चेहरे का रंग फ़ीका पड़ता चला गया.’

एनाली और उसके पार्टनर ने 20 मिनटों तक बच्ची को CPR दिया, इसके बाद एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स अपनी पूरी कोशिश के बाद भी इस बच्ची को नहीं बचा सके.

उन्होंने कहा कि ‘मैं उसके लिए गाना गाती थी, उससे बातें करती थी और मैं हमेशा उसे कहा करती थी कि सब ठीक हो जाएगा. मुझे पता है मेरी बेटी मुझसे ज़्यादा बहादुर है. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि वो जा चुकी है, वो मेरे लिए बेहद खास थी. मुझे नहीं लगता कि मैं कभी भी इस सदमे से उबर पाउंगी. मैं अब भी उसे यहां-वहां ढूंढती रहती हूं. मैं जब भी बाहर जाती हूं और वापस आती हूं तो कई बार घरवालों से अपनी बच्ची के बारे में पूछ लेती हूं. ये बेहद दर्दनाक है. मेरी ज़िंदगी में उसके जाने के बाद से एक लंबी उदासी छा गई है.’

उम्मीद है कि एनाली इस सदमे से जल्दी ही उबर अपनी ज़िंदगी को नए सिरे से शुरू कर सकेंगी.