कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन हो गया. सड़कें, दुकानें, ऑफ़िस, ट्रांसपोर्ट सब बंद हो गए. हर शख़्स घर में कैद हो गया लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर जहालत आज़ाद घूमती रही. जो लोग हमारी ज़िंदगी बचाने के लिए ख़ुद की जान दांव पर लगाकर बाहर थे, कुछ लोग उनकी ही ज़िंदगी के दुश्मन बन गए. एक तरफ़ हेल्थ वर्कर, पुलिस और ज़रूरी सामानों की सप्लाई करने वाले दिन-रात कोरोना को मात देने में लगे थे, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग उन्हें ही शिकस्त देने पर आमादा थे. 

सुनसान सड़कों पर जाहिलियत ने ऐसा तांडव किया कि पूरे देश को शर्मिंदा होने पर मजबूर होना पड़ा. ये हैं वो 10 वाकये जो बताते हैं कि कुछ इंसान मूर्खता की ऐसी शराब ढकोले हैं, जो इंसानियत को भी लड़खड़ाने पर मजबूर कर देती है. 

1.ये वीडियो पंजाब के जालंधर का है. यहां लॉकडाउन के बीच एक शख़्स को गाड़ी रोकने के लिए कहा गया तो उसने पुलिसवाले को ही बोनट पर बैठाकर कार भगा दी. 

2.पंजाब में लॉकडाउन का उंल्लघन कर घूम रहे कुछ लोगों ने एक पुलिस ऑफ़िसर का तलवार से हाथ काट दिया, शुक्र है कि तुरंत ही उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां हाथ वापस से जोड़ दिया गया. 

3.एक अधिकारी ने गांव के चौकीदार को उठक-बैठक लगाने पर मजबूर कर दिया. उसका गुनाह सिर्फ़ इतना था कि उसने साहब को पास दिखाने के लिए कहा था. 

4.यूपी के मुरादाबाद में एक भीड़ ने उन डॉक्टरों पर पत्थर बरसा दिए, जो वहां एक संदिग्ध कोरोना मरीज़ की मदद करने पहुंचे थे. इस उपद्रवी भीड़ ने उन पुलिसवालों को भी नहीं बख्शा जो डॉक्टरों को बचाने के लिए आए. 

5.मेरठ में एक डॉक्टर पर उसकी सोसाइटी के लोगों ने ही हमला कर दिया. इस हमले में उनका हाथ भी फ़्रैक्चर हो गया. 

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6.एक डॉक्टर और एक पुलिसकर्मी पर एक किसान और उसके बेटों ने हमला किया, जब वे केवल एक संभावित कोरोनावायरस रोगी की स्क्रीनिंग करने की कोशिश कर रहे थे. 

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7.एक स्वास्थ्यकर्मी जिसने कोरोना वायरस से दूसरों को बचाते हुए ख़ुद की जान दे दी, लोगों ने उसको दफ़न तक होने नहीं दिया. उनके अंतिम संस्कार में परिवार का कोई सदस्य हिस्सा नहीं ले पाया. 

8.एक शख़्स जो खाना और ज़रूरी सामान डिलिवर करने का काम कर रहा था, उसे बिना किसी गलती के बेरहमी से पीट दिया गया. 

9.भोपाल AIIMS में इमेरेजेंसी कोरोना वायरस की ड्यूटी पर तैनात दो डॉक्टरों को पुलिसवालों ने तब पीट दिया, जब वो काम ख़त्म कर घर वापस लौट रहे थे. बतौर पुलिस उन्होंने मास्क नहीं लगाया हुआ था. हालांकि, ये बहाना पुलिस की इस कार्रवाई को किसी भी तरह से सही नहीं ठहरा सकता. 

10.इंडिगो की एक कर्मचारी और उसकी मां को उनकी ही सोसाइटी के लोगों द्वारा भेदभाव का शिकार होना पड़ा. लोगों को लगता था कि उनकी वजह से कोरोना वायरस फैल सकता है. 

बहुत मुश्क़िल है ये सोचना भी कि आप किसी की जान बचाएं और बदले में आपकी ही ज़िंदगी ख़तरे में पड़ जाए. जो हम सोच नहीं सकते उसको हमारे देश के कोरोना वॉरियर्स ने झेला है. इन सबके बाद भी वो देश से कोरोना को जड़ से उखाड़ फेंकने की जंग लड़ रहे हैं.