केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गुरुवार को देश में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप-10 पुलिस स्टेशनों के नाम का एलान किया गया है. इस दौरान मणिपुर के थोबल ज़िले के ‘नोंगपोक सेकमई पुलिस स्टेशन’ को पहला स्थान मिला है.

टॉप 10 की इस सूची में मणिपुर के बाद तमिलनाडु के सलेम सिटी स्थित सुरामंगलम थाना दूसरे, अरुणाचल प्रदेश का खारसांग थाना तीसरे, छत्तीसगढ़ का सूरजपुर झिलमिल थाना चौथे, गोवा का संगुइम थाना पांचवे, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का कालीघाट थाना छठे, सिक्किम के पूर्वी ज़िले का ‘पाकयोंग पुलिस स्टेशन’ सातवें, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का कांठ थाना आठवें, दादर और नगर हवेली का खानवेल थाना नौवें और तेलंगाना के करीमनगर ज़िले का जम्मीकुंटा टाउन थाना दसवें स्थान पर रहा.

बता दें कि साल 2020 के लिए देश के 16671 थानों को सिलेक्ट किया गया था. इस दौरान आंकड़ों के विश्लेषण, प्रत्यक्ष अवलोकन और जनता से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर 10 शीर्ष थानों का चयन किया गया. जबकि गुरुवार को डीजीपी और आईजीपी के 55वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 10 पुलिस थानों के नामों की घोषणा की गई.

टॉप 10 में पूर्वोत्तर भारत के 3 थाने
देश के टॉप 10 बेहतरीन पुलिस स्टेशनों में पूर्वोत्तर भारत के तीन थानों ने जगह बनाई है. मणिपुर के थोबल ज़िले में स्थित ‘नोंगपोक सेकमई पुलिस स्टेशन’ ने पहला, अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग ज़िले के ‘खरसांग पुलिस स्टेशन’ ने तीसरा, जबकि सिक्किम के पूर्वी ज़िले के ‘पाकयोंग पुलिस स्टेशन’ ने सातवां स्थान हासिल किया है.

किस आधार पर की गई रैंकिंग?
इन पुलिस स्टेशनों को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर चयनित किया गया है. इस दौरान जिन पुलिस स्टेशनों ने महिलाओं के प्रति अपराध, समाज के कमज़ोर के प्रति अपराध, संपत्ति संबंधी अपराध और लापता व्यक्तियों की अधिकांश रिपोर्ट्स सॉल्व करने का काम किया उन्हें टॉप 10 की इस सूची में जगह दी गयी है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने निर्देश दिए थे कि देश के सभी पुलिस स्टेशनों की ग्रेडिंग और उनके प्रदर्शन का आंकलन करने के लिए मापदंडों को निर्धारित किया जाना चाहिए. इसका उद्देश्य डेटा विश्लेषण, प्रत्यक्ष अवलोकन और सार्वजनिक प्रतिक्रिया के माध्यम से देश के 16,671 में से शीर्ष 10 पुलिस स्टेशनों को रैंक करना था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘केंद्र सरकार प्रतिवर्ष देश में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों का चयन करती है, ताकि उनके काम-काज को प्रभावी बनाने की दिशा में प्रोत्साहित कर उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित की जा सके’.