हिन्दी के मशहूर कवि, पत्रकार मंगलेश डबराल की बीते बुधवार मृत्यु हो गई. वे 72 वर्ष के थे.
डबराल जी का जन्म 1948 में टिहरी गढ़वाल में हुआ था. 1960 के दशक में वे दिल्ली आ गये और Hindi Patriot, प्रतिपक्ष और आसपास अख़बारों में काम किया. इसके बाद वे भोपाल चले गए और उन्होंने पूर्वाग्रह के एडिटर के रूप में किया.
डबराल जी ने 5 काव्य संग्रह- पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज़ भी एक जगह है और नये युग में शत्रू के अलावा 2 गद्य संग्रह- लेखक की रोटी, कवि का अकेलापन और एक यात्रा वृत्तांत- एक बार आयोवा लिखा है.
डबराल जी की कविताओं को भारतीय ही नहीं रूसी, जर्मन, डच, स्पैनिश, पॉलिश, बुलगैरियन भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है. कुछ दिनों पहले उन्होंने अरुणधती रॉय की The Ministry of Utmost Happiness को हिन्दी में ट्रांसलेट किया था. ये किताब अपार ख़ुशी का घराना के नाम से उपलब्ध है.