सियासत के ज़मीन पर धर्म लोगों को भले ही ख़िलाफ़ करे, लेकिन समाज आज भी इस नफ़रती ज़मीन पर अपने पांव पड़ने से बचाता आया है. मसलन, मंदिर-मस्ज़िद मुद्दे को ही ले लीजिए. एक अरसे तक इस विवाद ने देश को अशांत रखा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद एक बार फिर पूरा समाज एक साथ खड़ा दिखाई पड़ रहा है.
ताज़ा उदाहरण अयोध्या में बनने वाली धन्नीपुर मस्जिद का है. मस्जिद की ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन को 21 हजार रुपये के दान का पहला चेक मिला है. दिलचस्प बात ये है कि मस्ज़िद को दिया गया ये पहला दान एक हिंदू शख़्स रोहित श्रीवास्तव की तरफ़ से है.
रोहित लखनऊ यूनिवर्सिटी की लॉ फ़ैकल्टी में काम करते हैं. ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा, ‘मस्ज़िद के निर्माण के लिए पहला योगदान एक हिंदू भाई की तरफ़ से आया है, जो भारतीय संस्कृति का एक अनुकरणीय और दिल को छू लेने वाला उदाहरण है.’
An employee of law faculty at Lucknow University, Rohit Srivastava donated Rs 21,000 y’day to Indo-Islamic Cultural Foundation – formed by UP Sunni Central Waqf Board for construction of the mosque on the five-acre plot in Ayodhya. This is the first donation for the construction. pic.twitter.com/CzMozHITX7
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2020
बता दें, दान में मिली राशि का इस्तेमाल सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड द्वारा गठित भारत-इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन (IICF) द्वारा मस्ज़िद, पुस्तकालय, संग्रहालय और सामुदायिक रसोईघर के निर्माण के लिए किया जाएगा.
मस्जिद को दान देने के पीछे रोहित श्रीवास्तव का कहना है कि, ‘मैं एक ऐसी पीढ़ी से हूं, जो समकालिकता की भावना में यक़ीन रखता है, जिसमें धर्म को लेकर बाधाएं धुंधली पड़ जाती हैं. मैं अपने मुस्लिम दोस्तों के बिना होली या दिवाली नहीं मनाता और वे मेरे बिना ईद नहीं मनाते. ये भारत के करोड़ों हिंदुओं और मुसलमानों की यही कहानी है. मैं हिंदू समुदाय के सदस्यों से अपील करता हूं कि वे आगे आएं और मस्ज़िद चाहने वालों को ये संदेश दें कि वे हमारे भाई हैं.’
ग़ौरतलब है कि अतहर हुसैन ने बताया था कि, ‘धन्नीपुर गांव में 15,000 वर्ग फीट पर एक मस्जिद का निर्माण किया जाएगा. ये बाबरी मस्जिद के आकार की होगी. मस्जिद का आकार अन्य मस्जिदों से बिल्कुल अलग हो सकता है. वहीं, वास्तुकार एसएम अख़्तर ने संकेत दिया था कि, ‘मस्ज़िद मक्का में काबा शरीफ़ की तरह चौकोर आकार की हो सकती है.’