National Crimes Record Bureau की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में POCSO Act के तहत 19,765 केस दर्ज किए गए थे. ये संख्या पिछले सालों से कहीं ज़्यादा है. बीतते सालों के साथ बच्चों के साथ शोषण और बलात्कार की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं.


2012 के दिल्ली गैंगरेप केस के बाद हमारे यहां बलात्कार और Child Sexual Abuse क़ानून में कड़े बदलाव तो आए, पर शायद वो काफ़ी नहीं हैं.   

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TOI की रिपोर्ट के अनुसार, 6 महीने पहले मुंबई में एक बलात्कार के Convict को छोड़ दिया गया था. शनिवार को उसे एक 9 साल की बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या के जुर्म में फिर से पकड़ा गया है.


रिपोर्ट्स के मुताबिक, 35 वर्षीय देवेंद्र उर्फ़ गुन्डप्पा भाई का क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है. 2013 में उसने अपने पड़ोस की 5 साल की बच्ची का रेप किया था. 2018 के शुरुआत में उसे ‘जेल में अच्छे व्यवहार’ के कारण छोड़ दिया गया.   

मृत बच्ची के गायब होने की रिपोर्ट बृहस्पतवार शाम लिखवाई गई थी. पुलिस मामले की जांच करते हुए सीसीटीवी फ़ुटेज चेक कर रही थी. सीसीटीवी फ़ुटेज में देवेंद्र के साथ वो बच्ची देखी गई.


जुहू के एक पुलिस अफ़सर ने बताया,   

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पहले देवेंद्र ने दावा किया कि उसने बच्ची को उसी जगह छोड़ दिया था और फिर क्या हुआ उसे पता नहीं. शुक्रवार रात को उसे फिर पकड़ा गया. शनिवार सुबह उसने अपना गुनाह क़ुबूल लिया. वही हमें उस जगह तक ले गया, जहां उसने पीड़िता की बॉडी फेंकी थी.
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ख़बर के फैलने के साथ ही सैंकड़ों की भीड़ जुहू पुलिस थाने के बाहर इकट्ठा हो गई और अपराधी को सख़्त सज़ा दिलाने की मांग करने लगी.


मध्य प्रदेश में बच्चों के साथ रेप के दोषियों के लिए फांसी की सज़ा सुनिश्चित की गई है, ज़रूरत है कि ये नियम पूरे देश में भी लागू हो.