ISIS की ‘सेक्स स्लेव’ रहते हुए उनकी प्रताड़ना का शिकार हुई और उनके चंगुल से निकली नादिया मुराद, बीते गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान काफ़ी भावुक हो गईं. बीते गुरुवार को नादिया मुराद इराक के यज़ीदी गांव पहुंची. नादिया यज़ीदा गांव की रहने वाली हैं. 3 साल पहले आंतकी संगठन ISIS ने पूरे कोजो की आबादी को बंधक लिया था. बंधी बनाए गए महिलाओं और पुरुषों पर ISIS ने बेइिंतहा ज़ुल्म ढाए, कई लोगों को मार दिया.

अपनी दर्द भरी दांस्ता बंया करते वक़्त नादिया की आंख़ों से आंसू बहने लगे. ISIS द्वारा ढाए गए इस ज़ुल्म को संयुक्त राष्ट्र ने अल्पसंख्यक यजीदियों के खिलाफ़ नरसंहार बताया.

ख़ौफ़नाक मंज़र को याद करते हुए नादिया बोली, ‘काश! हम महिलाओं को बेचे जाने और सीरियाइयों, इराकियों, ट्यूनिशियाइयों और यूरोपवासियों द्वारा रेप किए जाने के बजाए अच्छा होता कि हमें भी पुरुषों की तरह मार दिया गया होता.’ भावुक हो चुकी नादिया ने बताया कि ‘आज वो गांव कब्रिस्तान बन चुका है.

नादिया मुराद को यूरोपीय संसद की तरफ़ से सखारोव सम्मान दिया गया, ये सम्मान उनको एक अन्य यजीदी महिला लमिया अली बशर के साथ दिया गया.

आतंकी संगठन ISIS ने 24 वर्षीय नादिया को बंदी बनाकर मोसुल ले गए थे. नादिया ने अपनी आंखों के सामने अपने पिता और भाई को मरते देखा. ISIS की बंधक बनी नादिया पर ख़ूब अत्याचार किए गए. कई बार उनका रेप किया गया. इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा गया. जब उन्होंने भागने की कोशिश की, तब छह लोगों ने उनके साथ सामुहिक दुष्कर्म किया.

2015 में यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल को संबोधित करते हुए नादिया ने अपनी आपबीती सुनाई थी, जो ISIS अधिकृत उत्तरी ईराक की दयनीय स्थिति को दर्शाती है.रेप करने से पहले ‘सेक्स स्लेव’ से प्रार्थना करवाई जाती है और उन्हें लगातार पीटा जाता है.

वहीं यजीदी समुदाय के नेताओं का मानना है कि अभी भी 3 हज़ार से अधिक महिलाएं ISIS के कब्जे में हैं. इतना ही नहीं उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर भी रखा गया है. नादिया ने कोजो में कहा, ‘हम सिर्फ़ यह चाहते हैं कि ISIS की कैद में बंद 3 हज़ार महिलाओं को आज़ाद कराया जाए और हमारी कब्रों का पूरा ब्योरा तैयार हो.’ 

Source : navbharattimes