राजस्थान में घरेलू हिंसा का एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है. घटना उदयपुर के गुड़ा गांव की है. झमकू गमेती के पति और ससुर ने उसे तब तक बेरहमी से गरम चिमटे से जलाया, जब तक वो बेहोश नहीं हो गयी. उन्हें उसके चरित्र पर शक़ था, इसलिए उसके पूरे शरीर को चिमटे से जलाया गया. उसके चहरे, गर्दन, पेट, छाती, पांव ही नहीं, गुप्तांगों को भी जला दिया गया. अब उसकी हालत ये है कि वो अपने नन्हें बच्चे को दूध भी नहीं पिला पा रही है.

वो चीखती रही, बिलखती रही, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया. गांव वाले तमाशबीन बने रहे. दो साल पहले उसकी शादी गमेती से हुई थी. उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि सारी उम्र उसकी रक्षा करने का वचन देने वाला आदमी ही यूं भक्षक बन जायेगा.

22 वर्षीय पीड़िता अपने मायके तो आ गई है, लेकिन उसकी हालत अभी भी दयनीय है, वो चलने में भी असमर्थ है. दरिंदगी का खौफ़नाक मंज़र अब भी उसकी आंखों में तैर रहा है.

परिजनों और ग्रामीणों ने उसकी हालत देखी, तो दहल उठे. लेकिन दूसरे ही दिन ससुराल वाले पंचो के साथ पीहर आ धमके और झमकू और उसके घरवालों को धमकाया. झमकू ने उस दिन एक अनजान नम्बर से आया फ़ोन उठा लिया था, बस इतना ही काफ़ी था उसके ससुरालवालों के लिए उसे चरित्रहीन घोषित कर, ये हैवानियत करने के लिए.

उन्होंने पूरे दो घंटे तक उसकी बेरहमी से डंडों से पिटाई की, इससे भी जी न भरा, तो चिमटा आग में गर्म कर उसके शरीर को जला डाला. बिलखते बच्चे को देख भी उन्हें दया नहीं आई और ये सब कर के वो गांव से भाग गए, हालांकि, अब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. सामाजिक कार्यकर्ता भोजराज सिंह झमकू को इंसाफ़ दिलाने में उसकी मदद कर रहे हैं.